अधिकारियों की एसीआर के मामले में बोले कैबिनेट मंत्री-क्या फर्क पड़ता है, कोई भी लिखे

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प्रदेश में मंत्रियों की ओर से सचिवों की एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) लिखने के मामले में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का नया बयान सामने आया है। उनके अनुसार, इस मुद्दे को मंत्रियाें और ब्यूरोक्रेट दोनों की ओर से ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए।

बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में धामी सरकार के मंत्रियों ने सचिवों की सीआर लिखने के अधिकार की मांग उठाई थी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यह मसला उठाया तो बाकी मंत्रियों ने उनके समर्थन में सुर मिलाए। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु को कैबिनेट की अगली बैठक में इसका प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री इसमें बदलाव कर सकते हैं
इस संबंध में अब सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह कह रहे हैं कि इस मामले में अधिकारियों को भी नाराज होने की जरूरत नहीं है, न ही मंत्रियों की ओर से इस मामले को तूल दिया जाना चाहिए। मंत्री अधिकारियों से ऊपर होते हैं, यह बात सभी जानते हैं।

विभागों के काम सुचारू ढंग से चलें, सभी का यह मत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। ब्यूरोक्रेसी हो या मंत्री, सभी को कार्य संस्कृति में सुधार लाना होगा। उनियाल ने कहा कि यदि मंत्रियों को यह अधिकार मिल भी जाता है तो भी मुख्यमंत्री इसमें बदलाव कर सकते हैं।

महाराज त्रिवेंद्र सरकार के समय से उठा रहे मामला

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल से ही अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड में अपने विभागीय सचिवों की सीआर लिखने की मांग उठा रहे हैं। धामी सरकार में भी यह मसला कई बार उठ चुका है।

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