देहरादून। अस्पतालों से हटाए गए कर्मचारियों के आंदोलन में अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ने लगी है। एक अनशनकारी रामनिवास अस्पताल में भर्ती है। वहीं दूसरे आंदोलनकारी शुभम अरोड़ा को भी हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह डाक्टरों द्वारा दी गई है। शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस मामले के आने के इंतजार में कर्मचारी है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में उनके हित में यदि कोई सही फैसला नहीं लिया गया तो वह सभी सामूहिक आमरण अनशन पर चले जाएंगे। कर्मचारी नेता संजय कोरंगा और अभिषेक कैंतुरा ने बताया कि दून अस्पताल में 100 कर्मचारियों की बहाली की डिमांड भेजी है, उनकी मांग है कि सभी को बहाल किया जाए। उपनल एवं पीआरडी के माध्यम से ही कर्मचारियों को रखा जाए। बता दें कि उत्तराखंड के अस्पतालों से 2200 कर्मचारियों को हटाया गया है। इनमें से 612 दून अस्पताल से है। उन्होंने उपनल एवं पीआरडी से बहाली की मांग उठाई है। वहीं आउटसोर्स एजेंसी की व्यवस्था खत्म करने की मांग की है।
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