अपराध पर अंकुश लगाने के लिए साइबर हेल्पलाइन शुरू, मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन 

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देहरादून। साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश में हेल्पलाइन नंबर (ई-सुरक्षा चक्र) की शुरूआत हो गई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हेल्पलाइन डायल 155260 का नरेंद्रनगर से वर्चुअल उद्घाटन किया। इस नंबर पर 24 घंटे शिकायत की जा सकती है। 

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि यह हेल्पलाइन नंबर ऑनलाइन वित्तीय अपराधों पर कार्रवाई करने में बेहद कारगर साबित होगा। गृह मंत्रालय के सहयोग से इसे शुरू किया गया है। यह मंत्रालय के सीएफसीएफआरएमएस पोर्टल (नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली) के तहत काम करेगी।

यदि किसी के साथ साइबर अपराध होता है तो वह किसी भी वक्त इस नंबर को डायल कर सकता है। इससे अन्य राज्यों से संचालन कर रहे संगठित साइबर अपराधियों पर भी लगाम लगाई जाएगी। महिलाओं और बच्चों से संबंधित साइबर अपराधों पर भी इससे त्वरित कार्रवाई होगी। इसका कंट्रोल रूम साइबर थाने में बनाया गया है। यहां पर 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी। उद्घाटन के अवसर एएसपी चंद्रमोहन सिंह, डीएसपी अंकुश मिश्रा आदि अधिकारी मौजूद रहे। 

ऐसे काम करेगी हेल्पलाइन 
-कोई साइबर अपराध से पीड़ित जिसको वित्तीय हानि हुई है वह 155260 पर कॉल कर सकता है। 
-ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाइन पीड़ित से जानकारी लेगी और उन्हें एक व्हाट्सएप नंबर जारी करेगी। 
-पीड़ित को अपनी शिकायत व्हाट्सएप पर मांगे गए विवरण में दर्ज करनी होगी। 
-एक स्वउत्पन्न (ऑटो जनरेट) व्हाट्सएप संदेश आएगा, जिससे पीड़ित का मार्ग दर्शन होगा। 
-यदि अपराध गैर वित्तीय है तो पीड़ित को ईमेल के जरिए पुलिस स्टेशन केे सूचना देने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद उसकी शिकायत को संबंधित जिले की साइबर सेल को भेजी जाएगी। 
-वित्तीय धोखाधड़ी के लिए पीड़ित को अपराध का पूर्ण विवरण भरने के लिए कहा जाएगा। 
-तत्काल धन वापसी के प्रयास के लिए तुरंत साइबर हेल्पलाइन सीएफसीएफआरएमएस पोर्टल पर डिटेल दर्ज कर दी जाएगी। 

ठगों की निगरानी में उत्तराखंड पुलिस का चौथा नंबर 
साइबर ठगों की निगरानी में भी उत्तराखंड पुलिस का देश में चौथा स्थान है। गृह मंत्रालय के पोर्टल साइबर सेफ पर उत्तराखंड पुलिस ने साढ़े तीन हजार से ज्यादा मोबाइल नंबर और बैंक खातों की डिटेल संदिग्ध सूची में अपलोड कराई है। इन सभी नंबरों के खिलाफ भी कंपनियों के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी। 

बुधवार को मंत्रालय के पोर्टल साइबर सेफ ने एक अगस्त 2019 से 31 मई 2021 तक के आंकड़े जारी किए थे। इनके अनुसार देश में इस दरम्यान हुई ठगी और उसकी रोकथाम व कार्रवाइ में राज्यों की पुलिस का ब्योरा भी शामिल है। इस लिस्ट में देश में चौथा स्थान उत्तराखंड पुलिस का है। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि साइबर सेफ पोर्टल पर साइबर ठगों के नंबर और खाता संख्या को संदिग्ध सूची में अपलोड किया जाता है। ये वह नंबर होते हैं जिनसे लोगों को फोन कर ठगा गया हो। या फिर ठगने की कोशिश की गई हो। 

बैंक खाता वह होता है जिसमें ठगी का धन गया हो। इस तरह की पूरी डिटेल उत्तराखंड पुलिस ने 3500 से ज्यादा साइबर पोर्टल पर अपलोड कराई हैं। ताकि, भविष्य में इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इन नंबरों को ब्लॉक भी किया जा रहा है। ताकि, ये भविष्य में लोगों के साथ ठगी न कर पाएं।

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