देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय के 13 प्राइवेट आयुष कॉलेजों के छात्र-छात्राएं बीते एक महीने से ज़्यादा समय से बढ़ी हुई फीस को लेकर धरने पर बैठे हैं. छात्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने प्राइवेट कॉलेजों की फ़ीस सीधे तीन गुना बढ़ा दी है। 80,000 की जगह रातोंरात फ़ीस 2.15 लाख रुपये कर दी गई, जिसके अलावा प्राइवेट कॉलेज डेवलपमेंट चार्जिस आदि के नाम पर 30 से 40 हज़ार रुपये और वसूलते हैं. छात्रों की गुहार जब राज्यपाल के पास नहीं सुनी गई तो ये छात्र-छात्राएं हाईकोर्ट चले गए।
हाईकोर्ट का आदेश और धमकी
हाइकोर्ट ने इस फ़ीस वृद्धि को ग़लत माना और बढ़ी हुए फीस के शासनादेश को निरस्त करते हुए पुरानी ही फ़ीस लेने और जिनसे फ़ीस वसूल ली गई उसे वापस करने को कहा. खंडपीठ ने भी इस आदेश को कायम रखा. इसके बावजूद प्राइवेट कॉलेज मानने को तैयार नहीं है और इसी के विरोध में छात्र-छात्राएं धरने पर हैं।
अब राज्य सरकार को अपने पक्ष में देखकर ये प्राइवेट कॉलेज छात्र-छात्राओं को भविष्य बर्बाद करने की धमकियां दे रहे हैं।