देहरादून। उत्तराखंड सिविल सेवा (पीसीएस) के अफसरों ने भी अपने प्रमोशन और ग्रेड पे की मांग उठाई है। पीसीएएस एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला और उन्हें मांगों की बाबत मांग पत्र सौंपा। एसोसिएशन का कहना है कि वर्ष 2013 से आईएएस के खाली पदों को पदोन्नति से नहीं भरा गया है, जबकि तमाम अधिकारी पात्रता पूरी कर चुके हैं।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ललित मोहन रयाल के मुताबिक, महासचिव हरक सिंह रावत, गिरधारी सिंह, प्रशांत आर्य, बीएल राणा, चंद्र सिंह धर्मसत्तू समेत कई अन्य पीसीएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को बहुत गंभीरता से सुना और सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड सिविल सेवा प्रदेश की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा है। शासन की नीति निर्माण के साथ ही उसे धरातल पर लागू करने में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन लगातार मांग पत्र देने के बावजूद सेवा से जुड़े मामले लंबित है। जिससे संवर्ग के सदस्य उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने एतराज जताया कि एक ही चयन की मेरिट सूची में नीचे के स्थान पर सिटी मजिस्ट्रेट तथा उसके ऊपर के स्थान पर स्थापित अधिकारी को डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनाती दी जा रही है, जिससे असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है।
एसोसिएशन ने उठाई ये मांगें
– वेतन बैंड लेवल 13, 13 ए में खाली पद पर हैं। पीसीएस लेवल 12 में कार्यरत सभी अधिकारियों का लेवल 13 में पदोन्नत किया जाए।
– भारतीय प्रशासनिक सेवा में वर्ष 2013 के बाद से प्रोशन इंडक्शन नहीं हो पाया।
– पीसीएस कोटे से प्रमोशन के पद यथाशीघ्र भरे जाएं।
– पीसीएस की वरिष्ठता सूची शीघ्र जारी की जाए।
– शासन में अनिर्णय की स्थिति से अधिकारी वित्तीय लाभ से वंचित।
– पीसीएस अफसर प्रदेश डंडरियाल सेवा लाभ लिए रिटायर हो गए ।
– पीसीएस संवर्ग के पदों पर अन्य संवर्गों के अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए पीसीएस कैडर को संशोधित किया जाए।
– आईएएस व आईएफएस संवर्गों में आवश्यकता से अधिक पदों के रखने के कारण उच्चतर वेतनमान पर तैनात अधिकारी निचले वेतनमान पर तैनात हैं। वे आईएएस व अन्य संवर्गों में तैनाती ले रहे हैं। इससे जिलास्तर पर प्रशासनिक कठिनाई हो रही है।
– प्राधिकरणों व निगमों में तैनात पीसीएस अफसरों की भूमिका को अत्यंत सीमित कर दिया गया है। आईएएस संवर्ग के विभागाध्यक्ष के बाद पीसीएस संवर्ग के अधिकारियों की भूमिका रखी जाए।
– पीसीएस अफसरों के सेवा में आने के बाद ओरिएंटेशन और रिफ्रेशर ट्रेनिंग कराई जाए।
– विभागों, निगमों व प्राधिकरणों में तैनात पीसीएस अफसरों को सर्वोच्च पद के बाद दूसरे स्थान का पद दिया जाए।
– केंद्रीय सेवा की तरह एसीआर की आनलाइन व्यवस्था हो।
-पीसीएस अधिकारियों की संयुक्त कोटिक्रम सूची तुरंत जारी की जाए। सूची के आधार पर फील्ड में तैनाती दी जाए।