ऊधमसिंह नगर जिले में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा मजबूत होते दिख रहा है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 2020-2021 की रिपोर्ट लिंगानुपात के प्रतिशत को लेकर अच्छी खबर लेकर आयी है। जिले में पिछले पांच सालों में बेटियों के जन्म का प्रतिशत बेटों से आगे हो गया है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच सालों में प्रति 1000 लड़के पर 1022 लड़कियों ने जन्म लिया। जिले में वर्तमान में लिंगानुपात भी बेहतर हुआ है। जिले में ऐसा पहली बार हुआ है। इसके पीछे जागरूकता के साथ ही अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर की गई सख्ती की भी अहम भूमिका बताई जा रही है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 2020-2021 की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में पिछले पांच सालों में प्रति 1000 लड़कों पर 1022 लड़कियों ने जन्म लिया। इससे पूर्व की 2015-2016 की रिपोर्ट में प्रति 1000 लड़कों पर 948 कन्या जन्म ले रही थीं। डब्लयूएचओ के लिंगानुपात के मानकों की बात करें तो यूनिर्वसल रेट 954 है।
ऐसे में जिला डब्ल्यूएचओ के लिंगानुपात के मानकों के अनुसार भी बहुत बेहतर स्थिति में आ गया है। ऊधमसिंह नगर जिले में गर्भ धारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 को सख्ती से साथ लागू किया गया है। इसके सुखद परिणाम देखने को मिले हैं। ऊधमसिंह नगर जिले का पहला जिला है जहां जिले के सभी अल्टासाउंड केंद्रो के परिसर को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है।