देहरादून। दून अस्पताल में आंखों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन कराने आने वाले मरीजों को इंजेक्शन के दर्द से नहीं जूझना पड़ेगा और न ही ऑपरेशन के बाद पट्टी बांधनी पडेगी।
नेत्र रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुशील ओझा की टीम ने टॉपिकल एनेस्थीसिया से ऑपरेशन करने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को उनकी टीम ने आठ ऑपरेशन इसी विधि से किए। अब तक जो ऑपरेशन किए जाते हैं। उसमें सबसे पहले आंख में दो इंजेक्शन लगाए जाते थे। आंख के अंदर ऊपर और नीचे ये इंजेक्शन लगाए जाते थे। इंजेक्शन आंख का हिस्सा सुन करने के लिए लगाए जाते थे। इंजेक्शन के 15 से 20 मिनट बाद ही ऑपरेशन किए जाने की प्रक्रिया शुरू होती है। अब मरीज को पैराकेन आई ड्रोप डालकर सुन्न किया जाएगा और तुरंत ही फेको मशीन से ऑपरेशन किया जा सकेगा। बाजार में मशीन से यह ऑपरेशन कराने पर 25 से 30 हजार रुपये का खर्च आता है। जबकि दून अस्पताल में आयुष्मान मरीजों को यह मुफ्त में होगा। इसमें मरीज को सीधे चश्मा लगा दिया जाएगा और दवा शुरू कर दी जाएगी। पट्टी बांधने की जरूरत इसमें नहीं पड़ेगी। डा. ओझा की टीम में डा. नीरज, डा. आशीष राणा, डा. आलोक राणा, डा. पवानी कुकरेता, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी सुमन भारद्वाज, नर्सिंग अधिकारी शैलेस राणा, पिंकी और धीरा, वार्ड ब्वॉय हुकुम सिंह नेगी आदि शामिल थे।
अफसरों ने दी बधाई
प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना, एमएस डा. केसी पंत, डीएमएस डा. एनएस खत्री, एचओडी डा. युसुफ रिजवी ने पूरी टीम को बधाई दी है। डा. ओझा लगातार नेत्र रोग विभाग के कायाकल्प को लेकर प्रयासरत रहे हैं। कई सालों से उन्होंने यहां काम किया है और अब विभाग ऊंचाई छू रहा है।