देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंगनबाड़ी कार्मिकों के बैंक खातों में लगभग 24 करोड़ के मानदेय और 6.74 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि का डीबीटी के जरिये हस्तांतरण किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत 3097 लाभार्थियों के खातों में 92 लाख रुपये की धनराशि भी हस्तांतरित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ने जनहित में अनेक निर्णय लिए हैं। वहीं, राज्य आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को देश में सर्वाधिक मानदेय देने वाला तीसरा राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास से महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्मिकों को प्रोत्साहन और मानदेय धनराशि का एकसाथ आनलाइन डीबीटी हस्तांतरण किया। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 33717 कार्मिकों को दिसंबर महीने का करीब 24 करोड़ रुपये मानदेय का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया। इसमें 14495 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को 9300 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 13.48 करोड़ और 14265 आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 5250 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 7.5 करोड़ और 4957 मिनी कार्यकर्त्ताओं को 6250 प्रति कार्मिक की दर से लगभग तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
दरअसल, आंगनबाड़ी कार्मिक संगठनों की लंबे समय से ये मांग चली आ रही थी, जिसे सरकार ने पूरा कर दिया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं, मिनी कार्यककर्त्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में 1800, 1500 और 1500 की वृद्धि की गई है। इसके बाद अब उत्तराखंड देश में आंगनबाड़ी कार्मिकों को सर्वाधिक मानदेय देने वाला तीसरा राज्य हो गया है।
हर वर्ग को राहत देने का काम कर रही सरकार
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोविड काल में राज्य सरकार ने हर वर्ग के लोगों को राहत देने का काम किया है। कोविड के दौरान सरहनीय कार्य करने वाले फ्रंट लाइन वर्कर को प्रोत्साहन राशि भी दी गई। राज्य में सीमित संसाधन होने और कोविड के कारण राजस्व में वृद्धि न होने के बावजूद भी समाज के हर वर्ग को राहत देने के प्रयास किये गये हैं। लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से समय पर भुगतान किया जा रहा है। स्वास्थ्य, चिकित्सा, संस्कृति, परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों की हर संभव मदद की गई। जन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये गये। समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं।