देहरादून। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) से एक आइएफएस अधिकारी के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद बिना सूचना हिमाचल प्रदेश प्रस्थान करने के मामले में अकादमी प्रशासन ने अपना पक्ष रखा है। अकादमी की अपर प्राध्यापक आरती चौधरी की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि संबंधित अधिकारी हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के सर्विलांस अधिकारी की देखरेख में आइसोलेट हैं।
48 आइएफएस अधिकारियों का दल ट्रेनिंग के लिए 20 नवंबर को दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुआ था। इनमें से दून पहुंचे 11 अधिकारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इनकी जांच दिल्ली के साथ ही अकादमी पहुंचने पर दून में भी की गई। प्रशासन के संज्ञान में आया कि एक अधिकारी 24 नवंबर को बिना सूचना के हिमाचल प्रदेश स्थित अपने घर रवाना हो गए हैं। इस पर जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने अकादमी निदेशक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।
जिलाधिकारी के नोटिस पर पक्ष रखते हुए अकादमी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश निवासी आइएफएस अधिकारी दिल्ली में कराई गई जांच में ही कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
वह दिल्ली से ही निजी वाहन से हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हुए थे। उनका रूट वाया देहरादून था, लिहाजा वह कोरोना संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए सिर्फ अपना सामान लेने अकादमी आए और फिर लौट गए। हिमाचल पहुंचने के साथ ही वह सोलन के जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अजय सिंह के अलावा धरमपुर ब्लाक के ब्लाक मेडिकल अधिकारी की देखरेख में होम आइसोलेशन में हैं।
इसके अलावा अकादमी की अपर प्राध्यापक आरती चौधरी ने कहा कि आइएफएस अधिकारियों के दून पहुंचते ही पूरी जानकारी देहरादून के जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राजीव दीक्षित को उपलब्ध करा दी गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने भी अकादमी में संक्रमण की रोकथाम में पूरा सहयोग किया। अकादमी प्रशासन भरोसा दिलाता है कि भविष्य में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सभी नियमों का पालन किया जाएगा।