घटना चार अप्रैल 2019 की रात हुई थी। उस वक्त लोकसभा चुनाव चल रहे थे। एक प्रापर्टी डीलर ने तीन पुलिसकर्मियों और एक कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि उसे एक सफेद रंग की स्कार्पियो कार सवार पुलिसकर्मियों ने रोका और खुद को चुनाव स्टेटिक टीम बनकर रुपयों से भरा बैग ले लिया।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि यह कार आईजी गढ़वाल रेंज की थी। मामले में दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय का नाम सामने आया था। डालनवाला थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और तीनों पुलिसकर्मी व कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा को गिरफ्तार किया गया।
जांच में भी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए और उनके खिलाफ पुलिस एक्ट की धारा 14(1) की कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद दंड के लिए फाइल मुख्यालय को भेजी गई थी। लेकिन, कार्मिक विभाग ने इस पर कई आपत्तियां लगाई थीं। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि इन आपत्तियों को दूर कर लिया गया और फाइल मुख्यालय भेज दी गई है।
देहरादून में आईजी की कार का इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी डीलर से लूट के मामले में दोषी पुलिसकर्मियों (एक दारोगा और दो सिपाही) के खिलाफ बर्खास्तगी की प्रक्रिया की फाइल फिर से पुलिस मुख्यालय को भेज दी गई है। मुख्यालय से कुछ आपत्तियां के बाद यह फाइल जिला पुलिस के पास आई थी। माना जा रहा है कि मुख्यालय में भी यह जांच अब अंतिम चरण हैं, जिसमें जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।