भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में पासिंग आउट परेड आगामी 11 दिसंबर को होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में देश-विदेश के 387 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होंगे। इनमें भारतीय सेना को 319 युवा सैन्य अधिकारी मिलेंगे। जबकि मित्र देशों के 68 कैडेट पास आउट हो रहे हैं। शुक्रवार को ग्रेजुएशन सेरेमनी के साथ ही पीओपी का आगाज होगा।
वर्ष 1971 के युद्ध के 50 साल (स्वर्णिम विजय वर्ष) पूरे होने के अवसर पर आयोजित हो रही परेड को यादगार बनाने के लिए अकादमी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जहां बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड का निरीक्षण करेंगे, वहीं चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आदि गण्यमान्य लोग पास आउट हो रहे कैडेट्स की हौसला अफजाई करेंगे।
अकादमी अधिकारियों के मुताबिक परेड को सफल बनाने के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अकादमी के अंदर व बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पास आउट हो रहे कैडेट्स के स्वजनों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही परेड देखने के लिए पास जारी किए जा रहे हैं।
वर्ष 1932 में स्थापित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश को जल्द ही युवा अफसरों की नई खेप मिलने जा रही है। अकादमी से अब तक भारतीय सेना को 60 हजार 725 सैन्य अधिकारी मिल चुके हैं। जबकि 33 मित्र देशों के भी 2556 कैडेट अकादमी से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट हो चुके हैं।
आईएमए से ही पास आउट हुए 898 सैन्य अधिकारी देश की सेवा करते हुए शहीद हो चुके हैं। अकादमी में स्थापित वार मेमोरियल पर इन शहीद सैन्य अफसरों के नाम अंकित हैं। पास आउट होने से पहले कैडेट्स शहीद सैन्य अफसरों की शहादत को नमन कर देश की रक्षा करने की शपथ लेते हैं।