मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महत्वपूर्ण विभागों का जमावड़ा अपने पास रखेंगे या मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ साझा करेंगे, इसे लेकर होमवर्क शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने कम प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए साथी मंत्रियों को अधिक विभाग सौंपकर उनसे ज्यादा काम लेने की रणनीति अपना सकते हैं। विभागों के बंटवारे की कसरत सोमवार को पूरी नहीं हो सकी। अब मंगलवार को मंत्रियों को विभाग मिलने की उम्मीद है।
धामी से पहले दोनों मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत ने महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे थे। दरअसल प्रदेश में कोरोना संकट के दौर के बीच महज छह महीनों में विकास कार्यों को तेज करने की चुनौती है। सरकार में बदलाव के जरिये आम जनता में जगाई गईं उम्मीदों को भी जल्द मूर्त रूप देना होगा। इसके लिए महत्वपूर्ण विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फार्मूले की परीक्षा होगी।
धामी सरकार का मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल आकार ले चुका है। अब देखना ये है कि अनुभवी मंत्रियों के पिछले अनुभवों को नए मुख्यमंत्री तरजीह देते हैं या नहीं। मुख्यमंत्री अपने पास कौन से और कितने विभाग रखते हैं और अपने सहयोगियों को कौन-कौन से विभाग बांटते हैं, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। मंत्री भी अहम विभाग चाहते हैं। विभागों के बंटवारे से पहले मंत्रियों को मुख्यमंत्री और पार्टी हाईकमान के फार्मूले पर खरा उतरना होगा।