देहरादून: दुनियाभर से आए श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक झंडा मेला मंगलवार को श्रीझंडे जी के आरोहरण के साथ शुरू हो जाएगा। इस मेले में दिल्ली से आए बलजिंदर सिंह सैनी अपने दादा की 100 साल पहले मांगी गई मुराद को पूरा करेंगे।
प्रेम, सद्भाव और आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला 90 फीट ऊंचे श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू हो जाएगा। इसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुट रहे हैं। वहीं सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए कार्यक्रम में प्रतिभाग की अपील की है।
दरबार साहिब में मंगलवार को सुबह सात बजे पूजा-अर्चना के बाद पुराने श्रीझंडे जी को उतारा गया। इसके बाद नए श्रीझंडे जी को गंगाजल और पंचगव्य से स्नान कराया गया। पूजा-अर्चना के बाद अरदास की गई।
सुबह करीब 10 बजे श्रीझंडे जी को गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होगी। दोपहर में दो से चार बजे के बीच दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्रीझंडे जी का आरोहण किया जाएगा। इसके साथ ही झंडा मेला शुरू हो जाएगा। इस पल की साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से संगतें दरबार साहिब पहुंची हैं।
झंडा मेला हर वर्ष होली के पांचवें दिन श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू होता है और करीब एक महीने तक चलता है। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्ष में झंडा मेला का आयोजन सूक्ष्म रूप में किया गया। दरबार साहिब में शीश नवाने और श्री गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने को देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते ।
बलजिंदर चढ़ाएंगे दर्शनी गिलाफ
श्रीझंडे जी में इस बार दिल्ली के रवि नगर एक्सटेंशन निवासी बलजिंदर सिंह सैनी पुत्र जसबीर सिंह सैनी दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। पेशे से व्यापारी बलजिंदर इसके लिए मां कुलदीप कौर के साथ दून पहुंच चुके हैं। उनके दादा अक्षर सिंह ने 100 साल पहले दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग कराई थी।
बलजिंदर ने बताया कि पुरखों से वह दरबार साहिब से जुड़े हैं। बचपन में उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। तब दादा अक्षर सिंह ने मन्नत मांगी थी कि पोता ठीक होगा तो दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। बलजिंदर ने कहा कि गुरु महाराज की कृपा से आज वह दिन आ गया है।
देहरादून के संस्थापक श्री गुरु राम राय जी महाराज का हुआ था जन्म
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हरराय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उन्हें ही देहरादून का संस्थापक माना जाता है।
उनका जन्म वर्ष 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुर में होली के पांचवें दिन (चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को) हुआ था। इसीलिए दरबार साहिब में हर साल इस दिन श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ मेला लगता है। श्री गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए यहां विशाल ध्वज (श्रीझंडे जी) को स्थापित किया था।