पछवादून की जल विद्युत परियोजनाओं को पानी की सप्लाई देने वाली शक्ति नहर को बुधवार से एक महीने के लिए बंद किया जा रहा है। यह निर्णय शक्ति नहर में कराए जाने वाले मरम्मत के कार्यों को लेकर लिया गया है। नहर के बंद होने से एक महीने में करीब ढ़ाई हजार मेगावाट बिजली का नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
डाकपत्थर से लेकर ढालीपुर तक शक्तिनहर को बुधवार से एक महीने के लिए बंद किया जा रहा है। बताते चलें कि हर पांच साल बाद शक्ति नहर को बंद किया जाता रहा है। नहर में पांच साल की अवधि के दौरान होने वाली क्षति को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाया जाता है। नहर के बंद होने से ढकरानी में बनी 33.75 मेगावाट व ढालीपुर में बनी 51 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं से बिजली का उत्पादन नहीं हो सकेगा।
एक महीने तक बिजली का उत्पादन नहीं होने से प्रदेश को लगभग 2520 मेगावाट बिजली का नुकसान उठाना पड़ेगा। इतनी बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन प्रभावित होने से गर्मी के मौसम में बिजली की किल्लत की समस्या कई गुना बढ़ जाएगी।
17 करोड़ की लागत से होंगे मरम्मत के कार्य
शक्तिनहर पर किए जाने वाले मरम्मत के कार्यों पर 17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पैसे से नहर के टूट चुके किनारों, नहर के बेस व अन्य तमाम तरह के जरूरी कार्यों को संपन्न कराया जाएगा।
पानी के प्रवाह के लिए मेंटेनेंस जरूरी
जलविद्युत परियोजनाओं को उनकी आवश्यकता के हिसाब से पानी की मात्रा और उसके प्रवाह को ठीक रखने के लिए अधिकारी मरम्मत के कार्य को जरूरी बता रहे हैं। जलविद्युत निगम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव अग्रवाल का कहना है कि नहर के किनारों में होने वाली टूट-फूट से पानी का प्रवाह व मात्रा दोनों ही प्रभावित होती हैं। जिसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ता है। इसके अलावा नहर के टूटने का खतरा भी बना रहता है।
शक्ति नहर में कराए जाने वाले मरम्मत के कार्यों के लिए बुधवार से 25 मई तक का क्लोजर मांगा गया था। शासन से एक महीने की अनुमति प्राप्त हो गई है। उम्मीद है कि इस एक महीने की अवधि में नहर के सभी मरम्मत कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। – संजीव लोहानी, महाप्रबंधक सिविल, जलविद्युत निगम