प्रैक्टिकल कक्षाओं के बाद अब सोमवार से कॉलेज सभी कक्षाओं के लिए खुल गए हैं। लंबे समय बाद कॉलेजों में सभी कक्षाओं का सामान्य रूप से संचालन शुरू होगा। शहर के सभी कॉलेजों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।डीएवी, डीबीएस, एसजीआरआर व एमकेपी पीजी कॉलेज में सोमवार से शासन की गाइडलाइन के तहत कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। इन कॉलेजों में अधिक छात्र संख्या होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना चुनौती साबित होगा।हालांकि, कॉलेजों ने विशेष प्रबंध भी किए हैं। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने भी संबद्ध कॉलेजों को एक मार्च से सभी कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया है। यूटीयू ने कॉलेजों को किसी भी सूरत में गाइडलाइन की अनदेखी न करने की कड़ी हिदायत भी दी है। वहीं, निजी विश्वविद्यालय भी सामान्य रूप से खुल रहे हैं।यूटीयू के कुलपति प्रो. एनएस चौधरी ने बताया कि जिन कॉलेजों में तैयारी पूरी है, वे एक मार्च से सामान्य रूप से खुल गए हैं। छात्रों के लिए मास्क पहनकर व हाथों को सैनिटाइज कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। छात्रों को अभिभावक का सहमति-पत्र भी लाना होगा। गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर सख्ती की जाएगी।
उत्तराखंड बोर्ड के पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा पर रोक लगाई गई है, लेकिन सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और आईसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) के स्कूलों में परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया है।
परीक्षा का विकल्प ऑफलाइन व ऑनलाइन होगा। अभिभावकों ने स्कूलों में परीक्षाओं के लिए अलग-अलग फैसले पर सवाल उठाए हैं। अभिभावकों का कहना है कि समान कक्षा के बच्चों के लिए उत्तराखंड बोर्ड व सीबीएसई के स्कूलों में अलग-अलग नियम रहेंगे। यह समझ से परे है।
उत्तराखंड बोर्ड के स्कूलों में परीक्षा नहीं होगी, जबकि निजी स्कूलों में परीक्षाएं ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम से होंगी। एक ही कक्षा के बच्चों के लिए अलग-अलग नियम लागू करना समझ से परे है। – मनमोहन जायसवाल, मंत्री, उत्तराखंड अभिभावक संघ
निजी स्कूलों में भी पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की परीक्षा नहीं करानी चाहिए। अभी कोरोना संक्रमण का प्रभाव बना हुआ है। ऐसे में बच्चों को स्कूल बुलाने का कदम सही नहीं ठहराया जा सकता।
– बीना, गांधी ग्राम
पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में एक नियम लागू होना चाहिए। किसी स्कूल में परीक्षा होगी और कहीं नहीं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस फैसले का औचित्य समझ नहीं आया।
– अनीता, लखीबाग
उत्तराखंड बोर्ड के स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की परीक्षा नहीं होगी। जबकि, सीबीएसई व आईसीएसई के स्कूलों में परीक्षा होगी। स्कूल छात्रों को ऑफलाइन मोड में परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। विभाग स्कूलों में कोविड की गाइडलाइन सुनिश्चित कराएगा।
– आशारानी पैन्यूली, मुख्य शिक्षाधिकारी