देहरादून। उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने नौ सूत्री मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई न होने के विरोध में सात जनवरी से हरिद्वार रोड स्थित वर्कशॉप में ग्रामीण डिपो के सहायक महाप्रबंधक के दफ्तर के बाहर धरना देने की चेतावनी दी है।
उनका कहना है कि 18 दिसंबर को सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन मिला था। इसके बाद चार जनवरी को वार्ता हुई, लेकिन वह सकारात्मक नहीं हुई।
इस वार्ता में यूनियन की ओर से राजबीर सिंह, इंद्रपाल सिंह, सुनील कुमार, राजीव खुल्बे, धर्मवीर तनेजा, योगेंद्र कुमार, भैरव सिंह, अजय कुमार, हरि सिंह और बालेश कुमार मौजूद रहे। शाखा मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक धरना और कार्यबहिष्कार जारी रहेगा।
यह हैं मांगें
– सभी कर्मचारियों को अगस्त, सितंबर, अक्तूबर और नवंबर माह का वेतन भुगतान शीघ्र किया जाए।
– 28 नवंबर को यूनियन प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी, उन पर तत्काल अमल किया जाए।
– डिपो में तैनात समस्त नियमित, संविदा और विशेष श्रेणी के चालकों-परिचालकों को लॉकडाउन से पूर्व की भांति के रूटों पर ही चलाया जाए।
– आईएसबीटी देहरादून में समयपाल के कक्ष में संगठन विशेष के लोगों की ओर से हस्तक्षेप करने की जांच कर कार्रवाई की जाए।
– निगम मुख्यालय की ओर से पूर्व में जारी पत्र में 280 किलोमीटर प्रतिदिन की जो बाध्यता रखी गई थी, उसे पूर्व की भांति यथावत किया जाए।
– आईएसबीटी देहरादून के समयपाल पटल पर तैनात छह कर्मचारियों की जगह तीन कर्मचारियों को ही तैनात किया जाए।
– ट्रांसपोर्ट नगर की सभी समस्याओं का समाधान किया जाए।
– डिपो में तैनात सभी श्रेणी के चालकों और परिचालकों से समान रूप से किलोमीटर कराया जाए।
– संगठन विशेष के डिपो में तैनात कर्मचारियों को आवंटित पटल की प्रति और उनके तीन साल के कार्यों की समीक्षा कर उसकी समीक्षा रिपोर्ट यूनियन को उपलब्ध कराई जाए।