पंच पूजाओं के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज मंगलवार से शुरू हो जाएगी। भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के बाद मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर को शीतकाल में छह माह के लिए आज बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
मंगलवार को सबसे पहले गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। 17 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर में और 18 को खडग पुस्तक का पूजन होगा। इसी दिन वेद ऋचाओं का वाचन और पाठ बंद कर दिया जाएगा। 18 को माता लक्ष्मी की पूजा और आह्वान किया जाएगा और 20 नवंबर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही इस वर्ष चारधाम यात्रा का भी समापन हो जाएगा।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी, उद्धव जी और कुबेर जी की उत्सव डोली योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी।
उद्धव जी और कुबेर जी को योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर मंदिर में विराजमान किया जाएगा। 22 को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को जोशीमठ में नृसिंह मंदिर में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद पांडुकेश्वर और जोशीमठ में बदरीनाथ भगवान की शीतकालीन यात्रा शुरू होगी।