देहरादून। देहरादून मंडल से जुड़े सभी सात डिपो में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन से जुड़े रोडवेज कर्मचारी शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए हैं। उनका कहना है कि पूर्व में दिए गए नोटिस के हिसाब से वेतन जारी करने व अन्य मांगें मानने के बजाए रोडवेज प्रबंधन ने कर्मचारियों को बेवजह सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर देहरादून मंडल के करीब 1200 कर्मचारी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
इस हड़ताल में देहरादून के तीनों डिपो के अलावा कोटद्वार, हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की डिपो के यूनियन से जुड़े करीब 1200 कर्मचारी शामिल होंगे। चूंकि यूनियन से बड़ी संख्या में ड्राईवर और कंडक्टर भी जुड़े हुए हैं, इसलिए इस हड़ताल से बस सेवा भी ठप हो जाएगी।
गुरुवार से ही ग्रामीण डिपो में कार्यबहिष्कार शुरू हुआ तो दोपहर बाद से ग्रामीण डिपो की दिल्ली, टनकपुर, हल्द्वानी आदि जगहों पर चलने वाली बस सेवा ठप हो गई।
ग्रामीण डिपो में विधि विपरीत कार्रवाई से ग्रामीण डिपो के सभी कर्मचारी गुरुवार से ही कार्य बहिष्कार पर
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चैधरी का कहना है कि नौ नवंबर को रोडवेज प्रबंधन को मांग पत्र दिया गया था, जिस पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई थी।
प्रबंधन ने वेतन देने सहित अन्य मांगों को मानने के बजाये वेतन मांगने पर कर्मचारी प्रतिनिधियों को नियम विरुद्ध तरीके से बर्खास्त किया जा रहा है, जिससे सभी रोडवेज कर्मचारियों में भय और गुस्सा व्याप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अगर वेतन मांगेंगे तो निगम प्रबंधन किसी न किसी आरोप के बहाने उसे सेवा से बर्खास्त कर देगा।
उन्होंने यह भी बताया कि स्टेशन अधीक्षक रामलाल पैन्यूली की ओर से ग्रामीण डिपो में विधि विपरीत कार्रवाई से ग्रामीण डिपो के सभी कर्मचारी गुरुवार से ही कार्य बहिष्कार पर चले गए। आज से सभी सात डिपो में 1200 से अधिक कर्मचारी अनश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे।
वहीं, यूनियन के मंडलीय मंत्री केपी सिंह ने कहा कि अब उनकी मांग है कि स्टेशन अधीक्षक रामलाल पैन्यूली की पदोन्नति की जांच के साथ ही उन्हें पद से बर्खास्त किया जाए और वेतन जारी किया जाए। अन्यथा इस कार्यबहिष्कार से होने वाली हानि के लिए रोडवेज प्रबंधन जिम्मेदार होगा।