भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष गुरुवार को प्रदेश भाजपा की चुनावी तैयारियों की थाह लेंगे। वह प्रदेश संगठन के वरिष्ठ नेताओं के अलावा अलग-अलग कई बैठकें लेंगे और चुनावी रोड मैप पर संगठन की अब तक की प्रगति जानेंगे। बुधवार को संतोष आरएसएस की समन्वय बैठक में भाग लेने के लिए देहरादून पहुंचे। प्रदेश पार्टी प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने उनके जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया। दून पहुंचने के बाद संतोष सीधे क्लेमेंटटाउन स्थित एक रिजोर्ट में चल रही आरएसएस की समन्वय बैठक में शामिल हुए।
गुरुवार को वह संगठन के पदाधिकारियों की अलग-अलग बैठक लेंगे। बैठक की शुरुआत सोशल मीडिया टोली बैठक से होगी। यह बैठक प्रदेश पार्टी कार्यालय में होंगी। पांच समूहों की एक अन्य बैठक होगी। इसके बाद वह सोशल मीडिया वालंटियर्स की बैठक लेंगे। दोपहर बाद वह संगठन पदाधिकारियों की एक अहम बैठक लेंगे। इस बैठक में पार्टी प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री और महामंत्री शामिल होंगे। इस बैठक में संतोष रामनगर चिंतन बैठक में तय हुए एजेंडे के अनुरूप अब तक किए गए कार्यों की प्रगति का आकलन करेंगे।
इस बैठक में वह मुख्य विपक्षी दलों की तैयारियों, उनके चुनावी मुद्दों और उन्हें नाकाम करने के लिए भाजपा के स्तर से उठाए जाने वाले विषयों और मुद्दों को लेकर बातचीत होगी। कांग्रेस ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए एक प्रदेश अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं। साथ ही गढ़वाल से ही प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष चुना है। इसके राजनीतिक नफे नुकसान पर भी संतोष पार्टी नेताओं से फीडबैक ले सकते हैं।
दो बार आए और सीएम बदल गए
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के उत्तराखंड दौरे को लेकर भाजपा के भीतर चर्चाएं भी कम नहीं हो रही हैं। पार्टी के कई कार्यकर्ता चुटकी ले रहे हैं कि संतोष अब तक दो बार उत्तराखंड में बैठक करने आए और उनके जाने के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदल गए। उनके इस बार के दौरे के बाद किसकी कुर्सी खिसकेगी, इसे लेकर मजाकिया लहजे में सवाल उछाले जा रहे हैं।
संघ की समन्वय समिति की बैठक में छाया रहा चुनाव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय समिति की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव छाए रहे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में आए सभी 35 संगठनों के प्रतिनिधियों को 2022 के विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखते हुए अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने पर जोर दिया गया। बेहद गोपनीय रखी गई इस बैठक में आरएसएस, भाजपा और अन्य संगठनों के अध्यक्ष, महामंत्री व सदस्यों ने भाग लिया। प्रदेश भर से आए प्रतिनिधियों ने राज्य के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाया जिन पर चर्चा हुई।
संघ 14500 गांवों में बनाएगा नेटवर्क हर गांव में दो कार्यकर्ताओं का लक्ष्य
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक राज्य के 14500 गांवों तक अपनी पहुंच बनाएंगे। हर गांवों में संघ के कम से दो स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे, जो टीकाकरण से छूट गए लोगों को वैक्सीन की डोज लेने के लिए तैयार करेंगे। इस अभियान में संघ के सभी आनुषांगिक संगठन सक्रिय भागीदारी करेंगे। यह निर्णय बुधवार को क्लेमेंटटाउन स्थित एक रिजोर्ट में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक में लिया गया। बैठक में विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा होनी थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक संघ नेताओं ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं से निपटने की रणनीति पर ही फोकस किया।
अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा टीकाकरण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में बताया कि केंद्र सरकार से सहयोग से उत्तराखंड में अक्तूबर तक टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार के स्तर पर किए गए कार्यों की जानकारी दी। बताया कि बच्चों के लिए आईसीयू वार्ड बनाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। बैठक में तय हुआ कि कोरोना की दूसरी लहर में जिन परिवारों में लोगों का निधन हुआ है, उनकी कुशलक्षेम लेने स्वयंसेवक उनके घर जाएंगे। संघ के कार्यकर्ता ऐसे लोगों की सूची तैयार करेंगे।
न्याय पंचायत तक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण
बैठक में निर्णय लिया गया कि संघ और उसके आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता न्याय पंचायत स्तर तक लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे। इसके लिए गुरुवार से इसका प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। प्रदेश, ब्लाक और न्याय पंचायत स्तर पर ये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेंगे। बैठक में तय हुआ कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, उनकी एक सूची तैयार होगी। सरकार के स्तर पर उनके लिए जो योजना बनाई गई है, उसका लाभ दिलाने के लिए स्वयंसेवक व कार्यकर्ता बैंक खाते व अन्य कागजी प्रक्रिया को पूरा कराने का काम करेंगे।