उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग में अर्थशास्त्र विषय में महिलाओं के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर पुरुष अभ्यर्थी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हल्द्वानी निवासी हेमा तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राज्य लोक सेवा आयोग ने अर्थशास्त्र विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए 52 पदों की भर्ती निकाली थी, जिसमें से 12 पद सामान्य अभ्यर्थियों के थे, जबकि 4 सीटें महिला सामान्य के लिए आरक्षित थीं।
याचिका में कहा गया कि 31 दिसंबर 2019 को आयोग ने 36 पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जिनमें मात्र दो महिलाओं को ही चयनित किया गया। याचिका में कहा गया कि महिला पद पर पुरुष अभ्यर्थी का चयन किया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि मेरिट में उनका चौथा नंबर होने के बावजूद उस पद पर उनका चयन नहीं किया गया है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार और राज्य लोक लोक सेवा आयोग को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।