इंदिरा हृदयेश के जाने से कुमाऊं की राजनीति में आया सूनापन, दो साल में चार नेताओं की गई जान

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उत्तराखंड में कुमाऊं की राजनीति में पिछले दो साल में एक खालीपन सा आ गया है। 2017 में चुनाव के बाद कुमाऊं के लोगों को उम्मीद थी कि भगत सिंह कोश्यारी को प्रदेश की राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी लेकिन केंद्र ने उन्हें राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी तो दी लेकिन प्रदेश की राजनीति से वह दूर हो गए। 2019 में कुमाऊं से भाजपा का बड़ा चेहरा कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत फिर 2020 में सुरेंद्र सिंह जीना, 2021 में पहले बची सिंह रावत और अब कांग्रेस की कद्दावर नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश से निधन से कुमाऊं के राजनीतिक गलियारों में खालीपन सा दिखने लगा है।पिथौरागढ़ से भाजपा विधायक रहे प्रकाश पंत को उनकी योग्यता के चलते प्रदेश की राजनीति में अग्रिम पंक्ति का राजनेता माना जाता था। सरकार को सलाह, सुझाव देने के साथ ही जनता में उनकी पकड़ ने उन्हें प्रदेश की राजनीति में अग्रिम पंक्ति में शुमार किया था। गंभीर बीमारी के चलते पांच जून 2019 को प्रकाश पंत की मौत हो गई। भाजपा के ही सल्ट विधानसभा सीट से विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी 12 नवंबर 2020 को सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली में अंतिम सांस ली।

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री, आईटी मंत्री का दायित्व संभालने वाले और कई बार सांसद, विधायक रह चुके बची सिंह रावत का निधन अप्रैल में हो गया था। बचदा भी सरल, सहज व्यवहार के लिए जाने जाते थे। अब कांग्रेस की कद्दावर नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भी अनंत यात्रा में निकलकर प्रदेशवासियों के साथ ही कुमाऊंवासियों को अवाक कर दिया।

उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन से दून शोक में डूब गया। आम से लेकर खास सभी ने दुख जताते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. इंदिरा हृदयेश के रूप में अपना एक स्तम्भ खो दिया है।

वह अपने लंबे राजनीतिक सफर में जनता व प्रदेश के लिए किए गए कार्य से सदैव याद की जाएंगी। अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि इंदिरा हृदयेश का असमय निधन से उत्तराखंड एवं कांग्रेस को अपूरणीय क्षति पहुंची है। समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल ने कहा उत्तराखंड ने एक महान शख्सियत को खो दिया है। कांग्रेस सेवादल महानगर प्रभारी व प्रदेश सचिव पीयूष गौड़, प्रवक्ता दीप वोहरा ने कहा कि उनके निधन से प्रदेश को बड़ी क्षति हुई है। वहीं, इंदिरा हृदयेश और दुगड्डा नगर पालिका के पूर्व जिला अध्यक्ष दीपक बडोला के निधन पर पूर्व राज्य मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष कुमार ने शोक जताया।

‘राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रही थीं इंदिरा’
उत्तरांचल महिला एसोसिएशन (उमा) की ओर से इंदिरा हृदयेश को विनम्र श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्ष साधना शर्मा ने कहा कि महिलाओं के बल पर बने इस राज्य की राजनीति व सरकार में इंदिरा हृदयेश महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। उनका चले जाना इस राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। बताया की मेरी उनसे पहली मुलाकात 21 वर्ष पूर्व हुई थी। जब वह पब्लिक स्कूलों में अनियमितताओं के लिए बनाई गई विधान परिषद की जांच कमेटी की बैठक में भाग लेने के लिए देहरादून आई थीं। वह बहुत तेज तर्रार महिला नेता थीं।

आंदोलनकारियों ने भी जताया शोक
वरिष्ठ कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों ने भी शोक व्यक्त किया। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी व प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि उनके जाने से उत्तराखंड को गहरी क्षति हुई है। जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती व प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि अब विधानसभा सत्र में मंत्रालयों की गहरी समझ रखने वालीं शख्सियत मौजूद नहीं होंगी।

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