देहरादून। प्रदेश में दूसरे जिलों में फंसे लोगों को गृह जिले में भेजने की व्यवस्था को शासन ने केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार नहीं पाया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पांच दिन पहले उच्च अधिकारियों को आदेश दिया था कि अन्य जिलों में फंसे लोगों को ग्रीन कैटेगिरी वाले जिलों में जाने की अनुमति दी जाए। ऐसे में फंसे लोगों को लॉकडाइन खुलने या फिर नए सिरे से केंद्रीय गाइडलाइन जारी होने तक इंतजार करना होगा।
शासन ने जिलों को केवल उन्हीं लोगों को एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन की अनुमति देने को कहा है, जिन्हें लॉकडाउन टू के लिए जारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के तहत छूट मिल सकती है। इस दौरान प्रदेश सरकार से कई ऐसे लोगों ने गुहार लगाई जो दूसरे जिलों में फंसे हैं और अपने घर नहीं जा पा रहे हैं।
सरकार ने इसपर लंबे मंथन के बाद निर्णय लिया कि ऐसे लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद गृह जिलों में भेजने की व्यवस्था बनाई जाए। लेकिन इन निर्देशों पर केंद्रीय गाइडलाइन के सख्त नियम आड़े आ रहे हैं। जिस वजह से अब ऐसे लोगों को 3 मई तक लॉकडाउन खुलने या फिर केंद्र की नई गाइडलाइन जारी होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
जोखिम लेने से बच रहे अधिकारी
प्रदेश मंत्रिमंडल ने इससे पहले सचिवालय और विधानसभा खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। मंजूरी के अगले दिन सचिवालय और विधानसभा खुले। अधिकारी और मंत्री अपने-अपने कार्यालयों में बैठे भी, लेकिन इसे केेंद्रीय गाइडलाइन का उल्लंघन मानते हुए शासन ने सचिवालय में केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों को खोलने की ही अनुमति दी। इसके साथ ही विधानसभा को भी बंद करने के आदेश जारी किए गए। दरअसल, सख्त केंद्रीय गाइडलाइन के चलते अफसर कोई भी जोखिम लेने से बच रहे हैं।
यूपी के आदेश से उत्तराखंड पर दबाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे और 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके श्रमिकों और मजदूरों को वापस लाने का निर्णय लिया है। यूपी के इस निर्णय से उत्तराखंड सरकार पर भी दबाव बनेगा। बड़ी संख्या में प्रदेश के लोग अन्य राज्यों में फंसे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने इससे पहले यूपी के कोटा से अपने छात्रों की वापसी के फैसले का अनुसरण किया था।
इस समय सामान्य रूप से आवागमन नहीं हो रहा है। भारत सरकार ने कुछ छूट दी है, जिसके तहत प्रवासी मजदूरों का और क्वारंटीन का समय पूरा करने वालों के जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके अलावा कई ऐसे मामले हैं, जिसमें शादी विवाह, परिवार में कोई समस्या आ गई या बीमारी की स्थिति है, हर किसी को भेजने की व्यवस्था नहीं की जा सकती। हमें इतना सुनिश्चित करना है कि सब सुरक्षित रहें और नए इलाके में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं फैले। इसको देखते हुए जिलाधिकारी निर्णय लेकर व्यवस्था बना रहे हैं।
– उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव