देहरादून। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में स्टाफ नर्सों की नियुक्ति के लिए सरकार लिखित परीक्षा कराने की तैयारी कर रही है। देहरादून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कालेजों में स्टाफ नर्सों के लगभग 900 पदों पर पिछले एक साल से नियुक्ति नहीं हो पाई है।
इससे इलाज के लिए मेडिकल कालेजों में आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में अभी तक स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए नियमावली नहीं है। मेरिट के आधार पर स्टाफ नर्सों की नियुक्ति की जाती है, लेकिन एक साल से मेडिकल कालेजों में नर्सों की नियुक्ति नहीं हुई है। जबकि मेडिकल कालेजों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार स्टाफ नर्सों की नियुक्ति के लिए सरकार लिखित परीक्षा कराने पर विचार कर रही है। इससे चयन प्रक्रिया में तेजी आएगी और मेडिकल कालेजों को भी स्टाफ नर्स की कमी से राहत मिलेगी।
अस्पतालों में नर्सों के 350 से अधिक पद खाली
इसी साल से सरकार अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करने का प्रयास कर रही है। सरकार ने अस्पतालों में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों को लागू करने का फैसला लिया है।
लेकिन अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों की भारी कमी है। वर्तमान में 1531 स्टाफ नर्सों के स्वीकृत पदों में से 1160 नर्स ही कार्यरत है। जबकि 371 पद खाली पड़े हैं। आईपीएचएस मानकों को पूरा करने के लिए सरकार को कम से कम पांच हजार नर्सों की नियुक्ति करनी पड़ेगी।