देहरादून। प्रदेश में राजकीय इंटर कॉलेज प्रधानाचार्यों के रिक्त करीब 50 और हाईस्कूल प्रधानाध्यापकों के रिक्त करीब 250 पदों पर पदोन्नति की जाएगी। वहीं, सरकार से मंजूरी मिली तो राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त करीब 50 पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता खुल सकता है। फिलहाल शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर कार्मिक महकमे में मंथन चल रहा है।
प्रदेश में राजकीय हाईस्कूलों की संख्या करीब 950 और इंटर कॉलेजों की संख्या 1350 है। राजकीय हाईस्कूलों और इंटर कॉलेजों में मुखिया के रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। इस संबंध में महकमे की ओर से शासन से अनुमति मांगी गई है। इन दोनों ही पदों के लिए डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक जल्द होगी। प्रधानाचार्यों के लिए शासन तो प्रधानाध्यापकों के लिए निदेशालय स्तर पर डीपीसी बैठक की जाएगी। वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेजों को प्रधानाचार्य मिलने में दिक्कत भी बनी हुई है। इसकी वजह प्रधानाचार्य पद शत-प्रतिशत पदोन्नति का है।
प्रदेश में राजकीय इंटर कॉलेजों की संख्या राजकीय हाईस्कूलों की तुलना में काफी अधिक है। इस वजह से हाईस्कूल प्रधानाध्यापकों की शत-प्रतिशत पदोन्नति के बावजूद प्रधानाचार्य पद रिक्त रहते हैं। इस समस्या के समाधान को महकमे ने प्रधानाचार्य पद को विभागीय कार्मिकों के माध्यम से सीधी भर्ती से भरने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। ऐसा हुआ तो सभी इंटर कॉलेजों को मुखिया मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा। फिलहाल उक्त प्रस्ताव पर शासन स्तर पर कार्मिक विचार कर रहा है। जिलों में भरे जाएंगे चतुर्थ श्रेणी पद राज्य के सरकारी विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त 658 पदों पर भर्ती पीआरडी के माध्यम से करने के आदेश शासन जारी कर चुका है।
इन पदों को आउटसोर्सिंग से भरा जाएगा। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों को चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती करने के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि यह मामला विधानसभा आश्वासन समिति के समक्ष भी लंबित है।
200 शपथ पत्र हाईकोर्ट में जमा करेगा महकमा
पिछली कांग्रेस सरकार में संबद्ध किए गए शिक्षकों के मामले में अब महकमे को हाईकोर्ट में दोबारा शपथपत्र जमा करना होगा। ऐसे करीब 200 शपथ पत्र जमा किए जाने हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में करीब 500 शिक्षकों को दुर्गम से सुगम में संबद्ध किया गया था। संबद्धीकरण निरस्त करने के सरकार के फैसले को शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव समिति की ओर से भी फैसला लेकर शिक्षकों को राहत दी जा चुकी है। अब करीब 200 शिक्षकों के मामले में अलग-अलग शपथपत्र हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए जाएंगे।