देहरादून। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए हर साल दो करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं मदरसों के शिक्षकों का रुका मानदेय दो सप्ताह के भीतर दे दिया जाएगा। यह कहना है अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री यशपाल आर्य का। आर्य ने उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित समीनार और सम्मान समारोह में यह बात कही।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अच्छी तालीम के बगैर जीवन अधूरा है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। 2014 के बाद किसी योजना में कटौती नहीं हुई बल्कि इसमें बढ़ोत्तरी की गई है, लेकिन प्रस्ताव न आने से इन योजनाओं के लिए मिली धनराशि का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत पिछले छह वर्षों में 106 करोड़ रुपये मिले। उन्होंने कहा कि मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो चुका है। इसके अलावा मदरसों की मान्यता नियमावली का प्रस्ताव भी पास हुआ है। मदरसा बोर्ड की नियमावली बनने से मदरसों की मान्यता का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत किया जा रहा काम
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत भी काम किया जा रहा है। इसके तहत देहरादून के दो मदरसों को लिया गया है। जहां बच्चों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि मदरसों के शिक्षकों का रुका मानदेय जल्द दिया जाएगा। शिक्षकों का वर्ष 2016-17 के मानदेय का 13 लाख रुपया केंद्र से मिल चुका है। जबकि 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के मानदेय के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
वहीं, मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कादीर ने जल संरक्षण के साथ ही मदरसों को प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया। भाजपा प्रवक्ता शादाब सम्स ने कहा कि मदरसा बोर्ड अच्छी दिशा में काम कर है। बोर्ड की ओर से काफी काम किया गया है, लेकिन अभी कुछ और करने की जरूरत है। इससे पूर्व बोर्ड के बच्चों और पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। सेमीनार में निदेशक सुरेश चंद जोशी, बोर्ड के उप रजिस्ट्रार अखलाक अहमद, बिलालुर्हमान, अतीक अहमद, हाजी अखलाक आदि मौजूद रहे।