देहरादून। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) न लगाने वाले व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच पर रोक लगा दी गई है। नई व्यवस्था के तहत वाहनों का फिटनेस कराने से पहले एचएसआरपी लगाना अनिवार्य है। इसके बाद ही फिटनेस जांच के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
बता दें, निजी व कॉमर्शियल वाहनों में एचएसआरपी लगाने की अनिवार्यता एक साल पहले लागू की गई थी, लेकिन प्लेट लगाने में लगातार हो रही लापरवाही पर अब विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। इसके तहत अब एआरटीओ कार्यालय में फिटनेस के लिए आने वाले कॉमर्शियल वाहनों में सबसे पहले एचएसआरपी की जांच की जा रही है।
प्लेट न होने पर वाहनों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। बीते 15 दिनों में 100 से ज्यादा वाहन स्वामियों को एचएसआरपी न लगाने के कारण लौटाया दिया गया। एआरटीओ द्वारिका प्रसाद ने कहा कि विभाग का मकसद है कि शत-प्रतिशत वाहनों में एचएसआर प्लेट लगाई जाए, क्योंकि यह प्लेट सुरक्षा के लिहाज से भी जरूरी है। आरटीओ कार्यालय में ही प्लेट लगाने वाली कंपनी का कार्यालय भी है।
20 फीसद से ज्यादा वाहनों में प्लेट नहीं
विभाग के अनुसार जिले में 40 हजार से ज्यादा कॉमर्शियल वाहन पंजीकृत हैं। अनुमान के मुताबिक इनमें करीब 20 फीसद से ज्यादा वाहनों में प्लेट नहीं हैं। निजी वाहनों की बात करें तो यह आंकड़ा और भी ज्यादा है। खासकर टू-व्हीलर व फोर व्हीलर स्वामी प्लेट लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत के अनुसार विभाग अब चेकिंग अभियान भी चलाएगा।
व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच से पहले एचएसआर प्लेट लगवाना अनिवार्य है। अब इसके बाद ही फिटनेस के लिए आवेदन स्वीकार किया जाएगा। एआरटीओ कार्यालय को लाइसेंस व अन्य कार्य के लिए आने वाले लोगों को भी एचएसआर प्लेट लगाने को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
-दिनेश चंद्र पठोई, आरटीओ