उत्तराखंडः 13 साल के कन्हैया ने बनाई इलेक्ट्रिक कार, लोगों के आकर्षण का बनी केंद्र

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13 वर्षिय कन्हैया ने बैटरी से चलती कार बनाई जिसकी जिसकी लंबाई लगभग 5 फीट 5 इंच और चैड़ाई लगभग 2 फीट 5 इंच व ऊंचाई 4 फीट 6 इंच है।

देहरादून । प्रतिभा कभी संसाधनों और स्थान की मोहताज नहीं होती। भूपतवाला में अपने नाना के घर रह रहे 13 साल के मेधावी छात्र कन्हैया प्रजापति ने बैटरी चालित कार बनाकर बना कर साबित कर दिया है।

सड़कों पर दौड़ रही कन्हैया की यह कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। कन्हैया ने इस कार को बनाने में किसी का मार्गदर्शन नहीं लिया। केवल अपनी प्रतिभा से सृजन किया। कहीं दिक्कत आई तो यू ट्यूब की मदद ली।
कक्षा आठ के छात्र कन्हैया के अनुसार दिनभर स्कूल में पढ़ने के बाद जब भी उसे समय मिलता है तो वह कोई नया अनुसंधान करने का प्रयास करते रहते हैं। समय बचाकर उन्होंने इलेक्ट्रिक रोबोट, हाइड्रोलिक जेसीबी, इलेक्ट्रिक रिमोट कंट्रोल कार तथा इलेक्ट्रिक साइकिल भी बनाई है।

बैटरी से चलती है ये कार
कन्हैया ने दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद इलेक्ट्रॉनिक कार बनाई है। बताया कि यह कार बैटरी से चलती है, जिसकी लंबाई लगभग 5 फीट 5 इंच और चैड़ाई लगभग 2 फीट 5 इंच व ऊंचाई 4 फीट 6 इंच है। इसमें एलईडी लाइट, इंडीकेटर, हॉर्न, शीशा तो लगा ही है।

सामान्य कारों की तरह ही यह चाबी से ही ऑन और ऑफ होती है। रिवर्स और फॉरवर्ड की तमाम सुविधा हैं। कन्हैया के अनुसार कार में 230 वाट की चार बैटरी लगाई गई हैं, जिनकी क्षमता लगभग 920 वाट की है। गाड़ी की बॉडी का डिजाइन प्लाइवुड से किया गया है।

कार को सड़क पर उतारकर डेमो किया तो सभी देखते रह गए
कन्हैया ने बताया कि यह सारी सामग्री अपनी पॉकेट मनी बचाने के साथ ही अपने नाना रोशनलाल प्रजापति और मामा दीपक प्रजापति के उपलब्ध कराए गए पैसों से जुटाई है। बताया कि वह एक बेहतर वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। कन्हैया ने जब अपनी कार को सड़क पर उतारकर उसका डेमो किया तो सभी देखते रह गए।

उनके नाना रोशनलाल, मामा दीपक कुमार, क्षेत्र के समाजसेवी मनोज निषाद आदि ने कहा कि बच्चे की प्रतिभा पर उन्हें नाज है। वे उसे आगे बढ़ने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेंगे। इससे पहले बीते दशहरे पर कन्हैया ने रावण का बड़ा पुतला बनाया था। इसके लिए उन्हें भीमगोड़ा रामलीला समिति की ओर से सम्मानित भी किया गया था।

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