देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को उद्योगों, व्यवसायिक संस्थानों और निर्माण से जुड़ी कंपनियों को कोरोना काल में अबाध रूप से काम करने देने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। अनलॉक-3 के तहत जारी की गई इस एसओपी की खास बात यह है कि कम संख्या में कर्मियों के संक्रमित पाए जाने पर कंपनी, उद्योग या संस्थान को बंद नहीं करना होगा।
अधिक संख्या में संक्रमण पाया जाता है तो परिसर को पूरी तरह से संक्रमण मुक्त करने के लिए अधिकतम दो दिन के लिए बंद किया जाएगा। उद्योगों की सुविधा के लिए सरकार ने इस एओपी का पालन कराने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए हैं।
दूसरी तरफ, उद्योगों को भी अपने स्तर पर लाइजन अफसर नियुक्त करने होंगे। यह लाइजन अफसर ही उद्योग और प्रशासन के बीच संपर्क की कड़ी होगी। उद्योगों या अन्य संस्थानों में संक्रमण की रोकथाम से लेकर सुरक्षा के उपाय करने, प्रशासन को सूचना देने, गाइडलाइन का पालन कराने आदि का सारा जिम्मा इसी अधिकारी पर होगा।
यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि उद्योगों, कारखानों, निर्माण कंपनियों आदि को मास्क, सोशल डिस्टेंस आदि का पालन करना होगा। घर से काम करने, वर्चुअल मीटिंग आदि को तवज्जो देनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग सहित अन्य निर्देशों का पालन करना होगा। परिवहन, कर्मचारियों को लाने, ले जाने में भी दिशा निर्देश का पालन करते हुए अनुमति रहेगी।
हाई रिस्क और लो रिस्क का होगा निर्धारण
कोई भी मामला सामने आने पर लाइजन अधिकारी को सीएमओ या स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद से तय करना होगा कि यह हाई रिस्क मामला है या लो रिस्क। हाई रिस्क मामलों में 14 दिन का होम क्वारंटीन और कोविड टेस्ट जरूरी है। लो रिस्क वाले मामलों में कर्मी काम पर आ सकेंगे लेकिन उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाएगी। बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, गले में खराश आदि से पीड़ित कर्मियों को काम करने की इजाजत नहीं होगी। इनको स्वास्थ्य की जांच कराने और घर पर ही रहने को कहा जाएगा।
कंटेनमेंट जोन वालों को नहीं होगी अनुमति
एसओपी में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि लाइजन अधिकारी यह तय करेंगे कि संस्थान के कौन-कौन कर्मचारी कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से अग्रिम आदेश जारी न होने तक ये कर्मचारी काम पर नहीं आएंगे। ये घर से ही काम करेंगे।
हाई रिस्क कर्मियों के लिए अतिरिक्त सावधानी
किसी बीमारी से पीड़ित, वयोवृद्ध, गर्भवती महिलाएं आदि के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी। इनको लोगों से संबंधित फ्रंटलाइन काम में नहीं लगाया जाएगा। प्रबंधन यह कोशिश करेगा कि इनको घर से काम करने की सुविधा मिले।
जिला प्रशासन के लिए यह है व्यवस्था
-जिलों में उद्योग, व्यवसायिक संस्थानों और निर्माण कंपनियों को अबाध रूप से चलने देने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार।
– जिलाधिकारी अपने स्तर से जिले के वरिष्ठ प्रशानिक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाएंगे।
– जिले में सीएमओ को स्वास्थ्य नोडल अधिकारी।
– नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका में भी सहायक नोडल अधिकारी बनेंगे
अन्य नियम जानें
– कार्यस्थल पर हमेशा मास्क पहन कर रखना होगा।
-कार्यस्थल को सही तरीके से सैनिटाइज करके रखना होगा।
– थर्मल स्क्रीनिंग होगी।
– बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं होगी, कार्ड से हाजिरी की व्यवस्था की जा सकती है।
– आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल जरूरी।
– पविहन से संबंधित वाहनों को हर चक्कर से पहले संक्रमण मुक्त करना होगा।
– चालक, परिचालक आदि का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षाण होगा।
– चालकों और वाहनों का रजिस्टर बनाया जाएगा।
– एअर कंडीशन, वेंटीलेशन को लेकर राज्य सरकार के नियम मानने होंगे।
– कर्मियों को एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर नहीं जाने दिया जाएगा। मोबाइल, इंटरकॉम आदि का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
– परिसर में पान मसाला, गुटका, तंबाकू का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित।
– दरवाजे जहां तक संभव हों खुले रखे जाएंगे।