हल्द्वानी : विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब आत्ममंथन की स्थिति में है। चुनाव में हार को लेकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव व एआइसीसी से नियुक्त पर्यपवेक्षक अविनाश पांडेय दून में मंथन कर चुके हैं। जल्द नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा भी हो जाएगी। कांग्रेस के सभी विधायकों ने यह निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया है। यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लगाएगी।
वहीं, इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी तय होना है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की माने तो पीसीसी अध्यक्ष का चेहरा घोषित होने के बाद कई जिलों की कमान भी बदली जा सकती है। यानी जिलाध्यक्षों के पदों में भी फेरबदल होगा। उन जिलों पर ज्यादा फोकस रहेगा। जहां लंबे समय से एक ही व्यक्ति पद पर काबिज है। पार्टी के कार्यकर्ता खुद अंदरखाने यह मांग उठा रहे हैं।
2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरे दमखम से उतरी थी। लेकिन मोदी मैजिक और भाजपा के मुकाबले कमजोर संगठन का खामियाजा उठाना पड़ा। यही वजह है कि बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए वापसी का मिथक तोड़ दिया। 47 सीट जीत पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मौका भी मिला। फिलहाल मंत्री मंडल का गठन भी हो चुका है। केवल महकमों का आवंटन होना बाकी है।
वहीं, दूसरी तरफ 19 विधायकों वाली कांग्रेस को अभी नेता प्रतिपक्ष का चयन करना बाकी है। प्रदेश प्रभारी संग बैठक के बाद पार्टी विधायकों ने यह निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया। चुनाव से छह माह पूर्व अध्यक्ष बनाए गए गणेश गोदियाल श्रीनगर सीट से कम वोटों से चुनाव हारे थे। जिसके बाद सभी पांच राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया गया था।
फिलहाल कांग्रेस का एक धड़ा गोदियाल को दोबारा मौका देने के पक्ष में भी है। लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि, इतना जरूर तय है कि नया पीसीसी चीफ मिलने पर कुछ जिलाध्यक्षों पर भी गाज गिर सकती है। इसके अलावा चुनावी सीजन में धड़ल्ले से बांटे गए प्रदेश स्तर के पदों में भी छंटनी की संभावना है।