उत्तराखंड के पांचवें धाम के तौर पर स्थापित होने वाले सैन्यधाम को शहीद सैनिकों के घरों की मिट्टी से तैयार किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत गढ़वाल से चमोली जिले के दूरस्थ गांव सबाड़ और कुमाऊं में धारचूला से होगी। सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने निदेशक सैन्य कल्याण को 10 दिन में इसका रोड मैप बनाने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अब तक उत्तराखंड के जितने भी सैनिक शहीद हुए उनके घर जाकर उनके परिवार को सम्मान पत्र दिया जाए। जोशी ने ये निर्देश विधानसभा में सैन्य कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक में दिए।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है और लगभग भारत का हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। हमारी सरकार सैनिकों के सम्मान तथा उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इसमें उत्तराखंड के पांचवें धाम सैन्यधाम की स्थापना का निर्णय लिया जा चुका है।बैठक में निदेशक सैनिक कल्याण बिग्रे केबी चंद, उप निदेशक सैनिक कल्याण विजय सिंह थापा, कर्नल डीके कौशिक, एके चौधरी व ओपी फर्सवाण, ले. क. सीबीएस बिष्ट, मेजर करन सिंह आदि सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
दूरस्थ क्षेत्र चमोली के सबाड़ का चयन इसलिए किया गया है, क्योंकि वहां से सबसे अधिक गैलेंटियर्स अवार्ड प्राप्त सैनिक हैं। सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां सैनिकों का अधिक आना-जाना रहता है वहां नए सैनिक विश्राम गृह बनाए जाए। पुराने जर्जर सैनिक विश्राम गृहों की मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किए जाएं।उन्होंने सेना की भर्ती की तैयारी करने वाले बच्चों को गढ़वाल मंडल में उपनल के स्वामित्व वाली भूमि पर ही प्रशिक्षण के लिए अवस्थापना जुटाने और कुमाऊं मंडल में प्रशिक्षण तथा विश्राम स्थल के लिए भूमि चयन करने के निर्देश दिए।