देहरादून। यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी में भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुनी गई रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा की ओर से सम्मानित किया गया।
देहरादून रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में नवरात्र दुर्गा अष्टमी के मौके पर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजे सिंह नेगी एवं समाजसेवी मधु असवाल द्वारा कनुप्रिया रावत को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। डॉ राजे सिंह नेगी ने जानकारी देते हुवे बताया कि रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी ने भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। वह भारत से चुनी गई इकलौती स्कॉलर हैं, जो वहां पर रिसर्च करेंगीं। कनुप्रिया की पढ़ाई का खर्चा भी यूनिवर्सिटी उठाएगी यूनिवर्सिटी ने कुल 5 रिसर्च स्कॉलर को चुना है, जिनमें कनुप्रिया भी एक है।
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के तौर पर रिसर्च करने वाली और भारत से एकमात्र स्टूडेंट है, कनुप्रिया अगले माह पोलैंड के लिए रवाना होगी। उन्होंने वर्ष 2018 में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार से एमएससी की थी। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने पीएचडी के लिए तैयारी की और चयनित हो गई। डॉ नेगी ने बताया कि वह जुडो की खिलाड़ी भी रही है चारों भाई बहनों में सबसे बड़ी है और उनके छोटे भाई बहन उनको अपना रोल मॉडल मानते हैं। कनुप्रिया की छोटी बहन निधि रावत वॉलीबाल की नेशनल खिलाड़ी रही है और वर्तमान में योग शिक्षका के रूप में कार्य कर रही है। कनुप्रिया मूल रूप से चमोली जिले में थराली के पास गूंगा गांव के रहने वाली है।
उनके पिता पुलिस में अधिकारी थे, जिनका कुछ वर्ष पहले देहांत हो गया था। कनुप्रिया का कहना है कि भारत में रिसर्च ज्यादा नहीं होती है। अभी कोरोना कॉल को देखें तो लोग मानसिक तौर पर काफी परेशान हैं और हो भी रहे हैं। ऐसे में एक क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की भूमिका अहम हो जाती है। सही समय पर मानसिक बीमारी को पहचानना और काउंसलिंग करना बहुत जरूरी है, अनुप्रिया ने कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी कर वह वापस उत्तराखंड के दूरगामी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी। इस मौके पर महासभा के उत्तम सिंह असवाल, लोक गायक धूम सिंह रावत, खेल शिक्षक दिनेश पैन्यूली, अंजली वर्मा, मोनिका पंवार, मनोज नेगी, मनोज रौतेला, लक्ष्मी प्रसाद रतूड़ी आदि उपस्थित रहे।