क्रिसमस के मौके पर शनिवार को उत्तराखंड के गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना की गई। वहीं हरिद्वार के ज्वालापुर के सेंट मैरी स्थित चर्च को कोरोना गाइड लाइन के चलते बंद किया गया है। इससे पहले शुक्रवार को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर चर्चों में आधी रात को पूजा की गई। इस मौके पर कैंप फायर का भी आयोजन किया गया। मसीहियों ने प्रभु यीशु के जन्मदिन पर गीत गाए। मसीहियों ने चर्च में प्रार्थना कर दुनिया में शांति में शांति की कामना की।
देहरादून में राजपुर रोड स्थित सेंट मॉरिसन मेथोडिस्ट चर्च आधी रात को पूजा की गई। इस मौके पर फादर पीजे सिंह की मौजूदगी में मसीहियों ने प्रभु यीशु के जन्म की खुशियों मनाने के साथ ही मसीहियों ने गीत गाए। शनिवार को चर्च में मुख्य आराधना पर्व मनाया गया। जबकि 31 दिसंबर को वाचनाइट सर्विस का आयोजन होगा। वहीं नैसविला रोड सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च में फादर दिनेश प्रसाद की मौजूदगी मेें आधी रात को पूजा की गई। शनिवार को मुख्य पार्थना सभा का आयोजन किया गया। वहीं दूसरी ओर क्रिसमस पर्व के मद्देनजर राजधानी के तहत गिरजाघरों को आकर्षक रोशनी से सजाया गया है।
उपहार खरीदने को बाजारों में उमड़ी भीड़
क्रिसमस के मौके पर शनिवार को शहर में रौनक दिखाई दी। देहरादून की सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। वहीं शुक्रवार को बाजारों में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। लोगों ने क्रिसमस ट्री व सेंटा क्लजा की ड्रेस के साथ ही उपहारों की जमकर खरीदारी की।
वनाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए गाइडलाइन
क्रिसमस और नर्व वर्ष के आसपास अवैध शिकार की घटनाएं बढ़ने की आशंकाओं को देखते हुए वन मुख्यालय की ओर से वनाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत वनाधिकारी और कर्मचारी गश्त बढ़ाने के साथ ही अपने क्षेत्रों में बने रहेंगे और बहुत आवश्यक होने पर ही छुट्टी लेंगे।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. पराग मुधकर धकाते की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि क्रिसमस और नव वर्ष के दौरान कई कारणों से अवैध शिकार की घटनाएं बढ़ने की आशंका रहती है। इसलिए इस दौरान सभी अधिकारी और कर्मचारी अलर्ट पर रहेंगे। अधिकारियों से आवश्यकता अनुसार गश्त में बदलाव करते हुए प्रभावी रणनीति बनाने को कहा गया है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, वन बैरियर, साप्ताहिक बाजार और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में औचक निरीक्षण करने को भी कहा गया है। जरूरत पड़ने पर डॉग स्क्वायड की मदद लेने को भी कहा गया है। इसके अलावा नियंत्रणाधीन अधिकारी संवेदनशील क्षेत्रों में औचक छापा मारने के साथ ड्रोन, ई-आई और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर रखेंगे। आवश्यकता पड़ने पर अन्य सुरक्षा एजेंसियों पुलिस, एसएसबी, आईटीबीपी और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से समन्वय स्थापित कर सहयोग प्राप्त करेंगे।