देहरादून। प्रदेश में शुरू हुआ 37वां नेत्रदान पखवाड़ा। नगर निगम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने इसका शुभारंभ किया। उन्होंने सभी मंचासीन अतिथियों के साथ नेत्रदान के लिए संकल्पपत्र भी भरा। कहा कि उत्तराखंड के चारों राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नेत्र बैंक की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में मदर मिल्क बैंक कि स्थापना की जाएगी। दूरस्थ क्षेत्रों में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में दिव्यंगता प्रमाण पत्र बनाने में कुछ व्यवहारिक दिक्कतें आती है। वहां पंजीकरण उपरांत प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांगजन को स्वास्थ्य इकाई तक लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाएगी।
राज्य सरकार कई स्तर पर नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। आबादी के लिहाज से उत्तराखंड ने देश में सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड बनाए हैं। अगले 6 माह में 30 लाख लोग के कार्ड बनाने का लक्ष है। हर जिले में अब मोबाइल वैन के जरिये कार्ड बनेंगे। यह वैन गांव देहात में जाकर कार्ड बनाएगी।
उन्होंने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था के लिए अब मरीज डिस्चार्ज होते वक्त बिल सत्यापित करेंगे। वहीं 20 सेकंड का वीडियो भी भेजेगा। आयुष्मान से जुड़ा किसी का कोई सुझाव है तो वो 104 हेल्पलाइन पर दे सकता है।
राज्य में 258 जांच फ्री हो रही है। जांच का प्रतिशत 32 से बढ़कर 60 हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में संस्थागत प्रसव को 100 प्रतिशत तक लाना है। कहा कि सरकार ने 80 हजार से लेकर एक लाख तक मोतियाबिंद के ऑपरेशन का लक्ष्य है। प्रधानों के जरिये गांव गांव और जन जन तक इस अभियान को पहुंचाया जाएगा।
प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने कहा कि आंखें बहुत ही मूल्यवान हैं। दृष्टिहीनता निवारण कार्यक्रम की जानकारी देते उन्होंने कहा कि 2030 तक अंधता की दर को 0.25 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। निदेशक एनएचएम डा सरोज नैथानी ने कहा कि सनातन धर्म में दान की परंपरा सदियों पुरानी है। महर्षि दधीचि ने मानव कल्याण के लिए अपनी अस्थियां तक दान कर दी थी। उन्होंने लोग को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान महापौर सुनील उनियाल गामा, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, यमुनोत्री के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डा विनीता शाह, संयुक्त निदेशक (नेत्र) डा एसके झा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा मनोज उप्रेती आदि उपस्थित रहे।