देहरादून। डिग्री कॉलेजों में अब प्राध्यापकों को हर पीरियड में छात्र-छात्राओं की हाजिरी अनिवार्य रूप से दर्ज करनी होगी। सभी प्राध्यापकों की व्याख्यान पंजिका (उपस्थिति रजिस्टर) के हर सप्ताह की छात्र उपस्थिति के पेजों की प्रतियों को उच्चशिक्षा निदेशालय और शासन को ई-मेल से अनिवार्य रूप से भेजनी होगी।
इस संबंध में उच्चशिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को कड़े आदेश भेजे हैं। निदेशालय ने प्राचार्यों को भेजे आदेश में कहा है कि उच्चशिक्षा मंत्री द्वारा उच्चशिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह मामला प्रमुखता से उठा था कि कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति पंजिका में विधिवत रूप से प्राध्यापकों द्वारा छात्र-छात्राओं को उपस्थित (पी) एवं अनुपस्थित छात्र के नाम के सम्मुख मात्र एक डाट लगा दिया जाता है जो कि अनुचित है।
इस मामले को उच्चशिक्षा मंत्री द्वारा गंभीरता से लिया गया तथा निर्देशित किया गया है कि सभी प्राध्यापकों की व्याख्यान पंजिका के प्रत्येक सप्ताह की छात्र उपस्थिति के पृष्ठों की प्रतियों को स्कैन कर निदेशक उच्चशिक्षा को तथा सचिव उच्चशिक्षा उत्तराखंड शासन को ई-मेल पर अनिवार्य रूप से भेजा जाए।
निदेशालय ने प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि इस कार्य को संपादित करने के लिए महाविद्यालय के एक प्राध्यापक को नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी का नाम तथा पदनाम की जानकारी निदेशालय को तत्काल दी जाए।
इसके अलावा प्राचार्य प्रत्येक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन आहरण करने से पूर्व बायोमैट्रिक से प्राप्त उपस्थिति विवरण से यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी निर्धारित समय से महाविद्यालय में उपस्थित हुए तथा निर्धारित समय तक महाविद्यालय में उपस्थित रहे। बायोमैट्रिक से प्राप्त उपस्थिति तथा अनुपस्थिति विवरण के अनुसार वेतन आहरण के लिए मासिक परिवर्तन सूचना में उपस्थिति को सत्यापित कर वेतन आहरण किया जाए।
छात्र-छात्राओं की उपस्थिति और प्राध्यापकों व कर्मचारियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति के संबंध में निदेशालय की ओर से सभी प्राचार्यों को पत्र भेजा गया है। इसकी समीक्षा शासन स्तर पर भी की जा रही है।
– डॉ. एचएस नयाल, सहायक निदेशक उच्चशिक्षा