देहरादून। प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बरकरार रखने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने कानून बनाकर उनकी आवासीय और अन्य सुविधाओं को बरकरार रखा है, लेकिन यह सुविधाएं केवल 31 मार्च 2019 तक के पूर्व मुख्यमंत्रियों को ही मिलेगी। विधायी विभाग उत्तराखंड भूतपूर्व सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) अधिनियम 2019 की राजपत्रित अधिसूचना जारी कर दी है।
एक याचिका पर उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं पर कैंची चलाई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने विधानसभा में अध्यादेश और विधेयक पारित कराकर इसका कानून बना दिया। जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके सरकारी आवास के किराये की वसूली सरकारी दरों से 25 फीसदी अधिक दर पर की जाएगी।
उन्हें आवास के बिजली, पानी और सीवरेज के बिलों का भुगतान स्वयं करना होगा। उनसे बाजार दरों पर किराया वसूला जाना था, जो उनकी जेब पर भारी पड़ रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने तो बाजार दर पर किराये की बकायेदारी चुकाने में असमर्थता तक जताई थी।
ये सुविधा भी रहेगी
– ड्राइवर समेत वाहन, ईंधन, उनकी देखरेख, निजी सहायक, ओएसडी, पीआरओ, चतुर्थ श्रेणी कर्मी, चैकीदार, टेलीफोन सहायक, सुरक्षा गार्ड निशुल्क
– राज्य सरकार समय समय पर उन्हें सुरक्षा एवं प्रोटोकाल की सुविधा उपलब्ध कराएगी। आवासों की मरम्मत का खर्च सरकार उठाएगी।
– इस कानून से पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, हरीश रावत व विजय बहुगुणा को लाभ मिलेगा।
उद्योगों को लीज पर दी जा सकेगी कृषि भूमि
कृषि भूमि को गैर कृषि कार्यों के लिए लीज पर देने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी होने के साथ यह व्यवस्था राज्य में लागू हो गई है। इसके तहत साढ़े बारह एकड़ कृषि भूमि औद्योगिक कार्यों के लिए लीज पर दी जा सकेगी।
ये भी बनें कानून, अधिसूचना जारी
राजभवन से मंजूरी के बाद उत्तराखंड माल और सेवा कर संशोधन अधिनियम, उत्तराखंड राज्य विधानमंडल (अनर्हता निवारण) संशोधन अधिनियम व उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश लोक सेवा) (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित व पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम 1993) संशोधन अधिनियम की गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गई है।
गजट नोटिफिकेशन के लिए भेजे गए
राजभवन से लौटे उत्तराखंड चारधाम श्राइन प्रबंधन अधिनियम, नर्सरी एक्ट, उत्तराखंड पंचायतीराज संशोधन एक्ट, कृषि उत्पादन मंडी संशोधन एक्ट के गजट नोटिफिकेशन प्रकाशन के लिए सरकारी प्रेस में भेज दिए गए हैं।