देहरादून। उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों में 88 आइसीयू बनाए जाएंगे। इनमें मेला अस्पताल और रुड़की अस्पताल में दस-दस, बीडी पांडेय अस्पताल नैनीताल में 4, चमोली, पौड़ी, चंपावत और पिथौरागढ़ में छह, उत्तरकाशी में दस आइसीयू बनाए जाएंगे। वहीं, सबसे ज्यादा 30 आइसीयू प्रदेश के सबसे बड़े दून अस्पताल में बनाए जाएंगे। ये जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने दी।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने की पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में कुल पॉजिटिव केस 61, जबकि रिपोर्टेड डेथ एक है। इसके साथ ही 39 लोग ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो गए। बात रिकवरी रेट की करें तो प्रदेश में यह 65 प्रतिशत है। वहीं, कोरोना की संख्या 40 दिन में डबल हो रही है। मुख्य सचिव ने बताया कि एक ओर जहां उत्तराखंड में 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था और भी ज्यादा फास्ट हूई है, तो वहीं कई अस्पतालों में आइसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में दूसरे दिन भीड़ हुई कम
मुख्य सचिव ने बताया कि लॉकडाउन 3 का मंगलवार को दूसरा दिन रहा। इस दौरान कई स्थानों पर भीड़ थी, लेकिन वो पहले दिन के मुकाबले कम रही। उन्होंने साफ किया कि कई जगहों पर ये जनता के ऊपर ही निर्भर है कि ये छूट बनी रहे।
85 हजार कार्मिकों को इजाजत
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में साढ़े चार हजार उद्योग खुले हैं, जिनमें से 85 हजार कार्मिकों को काम करने की इजाजत दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा में शिथिलता दी गई है, जिसके तहत मनरेगा के 7311 कार्य शुरू हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में टेक राशन अब होम डिलीवरी के जरिए दिया जाएगा। तीन हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में 70 हजार गर्भवती माताओं और लगभग पांच लाख बच्चों को इससे राहत देने की कोशिश की जाएगी।
एक लाख 69 हजार टन गेंहू की खरीद
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में एक लाख 69 हजार टन गेंहू की खरीद की जा चुकी है। साथ में किसानों का भुगतान भी कर दिया गया है। पलायन को लेकर उन्होंने कहा कि 30 हजार लोग यहां से जाना चाहते हैं उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। वहीं, राज्य से बाहर से आने वालों की सांख्य एक लाख 61 हजार हो गई है। अभी तक 5679 लोगों को उत्तराखंड लाया गया है। सात हजार लोग जो राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहते हैं उन्हें भी मंजूरी दी गई है। ग्राम प्रधानों को भी सरकार ने कोरोना वॉरियर के रूप में जिम्मेदारी सौपी है। उनके हाथ मजबूत किए गए हैं उन्हें आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत अधिकार दिए गए हैं।
अर्थव्यवस्था मजबूत करने को मंत्रिमंडलीय उप समिति
ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से 1600 हेक्टेयर कृषि भूमि में 33 प्रतिशत फसल नुकसान हुआ है। इसके सर्वे को लेकर अभी काम जारी है, जो भी मानक में आएंगे उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कृषि बागवानी से जुड़े सेक्टरों में अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई है, जिसके अध्यक्ष कृषि मंत्री सुबोध उनियाल हैं। आज इसको लेकर आदेश कर दिए गए हैं। जल्द ही बैठक भी आयोजित की जाएगी।
एफआइआर के आधार पर हो रही जांच
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने उत्तरप्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी मामले पर कहा कि एफआइआर के आधार पर जांच की जा रही है। इस आधार पर विवेचना के बाद ही कार्रवाई होगी, इसके अलावा कोई अन्य जांच नहीं होगी।