उत्तराखंड के सात मतदेय स्थलों में मतदाताओं ने नहीं डाले वोट, जानें- क्या रही वजह

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देहरादून। विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की सात विधानसभा सीटों के सात मतदेय स्थलों में मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार करते हुए अपनी नाराजगी का इजहार किया। इन मतदेय स्थलों पर एक भी वोट नहीं पड़ा। स्थानीय प्रशासन के समझाने के बावजूद मतदाता मतदेय स्थलों तक नहीं पहुंचे। इनमें गढ़वाल मंडल की पुरोला , यमुनोत्री, केदारनाथ, चौबट्टाखाल और कुमाऊं मंडल की काशीपुर , चम्पावत , व धारचूला विधानसभा के एक-एक मतदेय स्थल शामिल रहे।

विधानसभा चुनाव में मतदाता भी इस बार अपने मुद्दों को लेकर मुखर रहे। इसका नतीजा उनके मतदान के बहिष्कार के रूप में नजर आया। गढ़वाल मंडल की पुरोला विधानसभा के शिकारू गांव में बने मतदेय स्थल, यमुनोत्री विधानसभा के कोठार गांव में बने मतदेय स्थल और केदारनाथ विधानसभा के बागवान मतदेय स्थल पर स्थानीय ग्रामीणों में सड़क न बनने पर नाराजगी दर्शाते हुए मतदान नहीं किया। चौबट्टाखाल की सुंदरवाला ग्राम सभा में बने मतदेय स्थल पर स्थानीय ग्रामीणों ने गांव को बीरोंखाल तहसील से हटाकर चौबट्टाखाल तहसील में शामिल करने की मांग को लेकर बहिष्कार किया।

कुमाऊं मंडल में काशीपुर के ग्राम मानपुर, चम्पावत के झालाकुड़ी ग्राम पंचायत पर बने मतदेय स्थल व धारचूला में बरम मतदेय स्थल पर ग्रामीणों ने वोट नहीं डाला। ग्राम मानपुर में स्थानीय निवासी भूमि का मालिकाना हक नहीं मिलने से नाराज हैं। चम्पावत में सड़क सुविधा से वंचित ग्राम पंचायत झालाकुड़ी के मतदाताओं ने चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया। धारचूला विधानसभा क्षेत्र के कनार गांव के ग्रामीणों ने सड़क न बनने पर मतदान नहीं किया।

इसके अलावा गढ़वाल मंडल की केदारनाथ विधानसभा के चिलौड़ मतदेय स्थल में मात्र एक तो पुरोला विधानसभा के शेरी मतदेय स्थल में मात्र दो वोट पड़े। वहीं, गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र के हीपा मतदेय स्थल में केवल छह मतदाताओं ने मतदान किया।

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