उत्तराखंड के हरिद्वार समेत तीन जिलों में मनरेगा कर्मियों की सेवाएं समाप्त

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हड़ताली मनरेगा कर्मियों को नौकरी से नहीं निकालने संबंधित सीएम के आश्वासन के बावजूद, पौड़ी, हरिद्वार और यूएसनगर ने इन कर्मचारियों की सेवाएं समापत कर दी हैं। इधर, कर्मचारियों की हड़ताल ने बुधवार को अस्सी दिन पूरे कर दिए हैं। ग्राम्य विकास विभाग ने 29 मई को जारी आदेश में सभी मुख्य विकास अधिकारियों को 29 की शाम तक काम पर न लौटने वाले कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किया था। इसी आदेश पर अमल करते हुए पौड़ी, हरिद्वार और यूएसनगर जिले में हड़ताली कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं।  कुल कर्मचारियों की संख्या करीब ढाई सौ है। मनरेगा के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अन्य जिलों से भी विवरण जुटाया जा रहा है।

इधर, विभाग को बुधवार दोपहर बाद तक सीएम का लिखित आदेश नहीं मिला था। इस कारण विभाग अभी अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार की ओर से 20 मई को जारी आदेश के क्रम में ही कार्रवाई कर रहा है। दूसरी तरफ मनरेगा कर्मचारी बुधवार को लगातार 80वें दिन हड़ताल पर डटे। मनरेगा कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री सुबोध उनियाल ने आरोप लगाया कि सीएम के आदेश के बावजूद विभागीय अधिकारी हठधर्मिता दिखाते हुए, कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं। इस कारण कर्मचारियों में आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने बताया कि बुधवार को कर्मचारियों का धरना लगातार 80 दिन पूरा कर चुका है। मांग पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी।विड टेस्ट सैंपलिंग, होम आइसोलेशन, डिलीवरी आदि की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रही।

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