उत्तराखंड में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट की बैठक बुलाई गई इस कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के 29 प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें से एक प्रस्ताव स्थगित किया गया जबकि एक प्रस्ताव पर कमेटी बनाई गई 27 प्रस्ताव पर कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी कैबिनेट फैसलों को लेकर कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी जिनमे कोरोना वैक्सीन से लेकर शिक्षण संस्थान खोलने को लेकर महत्वपूर्ण फैसले किये गये ।
आज उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार की केबिनेट बैठक में कुछ अहम निर्णय लिये गये जिनमे मुख्य्तः कोरोना वैक्सीन के साथ शिक्षा संस्थानों को लेकर रहा.शाशकीय प्रवक्ता मदन कोसकिक ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य में 20फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी,कैबिनेट बैठक में वैक्सीन की तैयारियों को लेकर सरकार की सहमति बनी,कोरोना वैक्सीन के पहले चरण के लिए वारियर्स और जरूरतमंद का डेटा बनाया जा रहा है। 15 दिसम्बर से राज्य के सभी उच्च शिक्षण संस्थान खोलने का फ़ैसला हुआ,सभी शिक्षण संस्थाओं में एसओपी का पालन करना अनिवार्य है.पेयजल निगम में राज्य सरकार की सेवा नियमावली लागू की जाएगी,देहरादून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न विभागों में 44पदों की स्वीकृति हुई.रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में 927 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है। नैनीताल-लालकुंआ में सेंचुरी पेपर मिल को 2014 के सर्किल रेट से का लीजरेंट देना होगा,सुरक्षा एजेंसियों को अब सिर्फ आवेदन वाले जिले से ही प्रमाणपत्र लेना होगा। राज्य सेवा विधिक प्राधिकरण की सेवा नियमावली में संशोधन किया गया। विधानसभा का सत्र को लेकर भी कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई,उत्तराखंड खादी ग्रामोद्योग के 7 में से 4पद सरेंडर किये गए.शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान अधिनियम को मंजूरी दी गई जबकि Ews का यदि कोई पद रिक्त रहता है तो सामान्य वर्ग से लिया जा सकता है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा अब पुलिस की भर्ती भी की जा सकेगी,राज्य के निवासियों के लिए सोसाइटी एवं कंपनी की कमेटी मर्ज की गईं। फाईन आर्ट के बच्चों के B.ed में सब्जेक्ट का ड्राफ्ट को लेकर अगली कैबिनेट में फैसला होगा। सिंचाई विभाग के राजपुर रोड के 13 पट्टे 20वर्ष से रिनिवल ना होने पर निरस्त हुए,शहरी क्षेत्र में गरीब वर्ग एवं 100वर्ग गज से कम मकान वालों को 100रुपये में पानी कनेक्शन दिया जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट की दिक्कतों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई,डॉक्टर्स को पीजी करने पर या तो मानदेय लेंगे या आधी सेलरी लेंगे, कैबिनेट का फैसला,पीजी करने वाले डॉक्टर्स की बैंक गारंटी 1 करोड़ से घटाकर 50लाख की गई है।