देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को एसआईटी ने आज विजलेंस कोर्ट में पेश किया। विजलेंस कोर्ट अपर जिला जज श्रीकांत पांडे की अदालत में सुनवाई चल रही है। मामले में अभी तक 13 कॉलेज मालिकों के साथ पांच अधिकारियों गिरफ्तारी हो चुकी है।
गीताराम नौटियाल इस मामले में फरार चल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से भी राहत न मिलने पर आखिर वह बुधवार को खुद रोशनाबाद स्थित जिला पुलिस मुख्यालय में बने एसआईटी कार्यालय पहुंच गए। देर शाम तक एसआईटी के अधिकारी उनसे पूछताछ में जुटे रहे।
करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी पिछले कई माह से संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की तलाश में जुटी हुई थी। कोर्ट से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट लेकर गिरफ्तारी के लिए तमाम संभावित स्थानों पर छापेमारी भी की गई थी। लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़े।
नौटियाल के गिरफ्त में न आने पर उनके खिलाफ कुर्की की एक्सरसाइज भी शुरू कर दी गई थी। पिछले दिनों देहरादून में बसंत विहार में नौटियाल के घर एसआईटी ने कुर्की नोटिस चस्पा करते हुए बाकायदा मुनादी तक कराई थी।
इधर, हाईकोर्ट के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए नौटियाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी और सात दिन के अंदर एसआईटी के सामने पेश होने के आदेश दिए थे। एसआईटी अध्यक्ष मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपी संयुक्त निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
हरिद्वार में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे नौटियाल
करोड़ों के सरकारी खजाने को चपत लगा चुके समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल हरिद्वार के जिला समाज कल्याण अधिकारी भी रहे हैं। यहां तैनाती के दौरान ही उन्होंने ही छात्रवृति घोटाले का खेल खेला। नौटियाल के अलावा एक पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर एवं चार सहायक समाज कल्याण अधिकारी भी छात्रवृति घोटाले में अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं।