देहरादून। उत्तराखंड के वित्तीय वर्ष 2020-21 का 53 हजार करोड़ रुपये का बजट बुधवार को बिना चर्चा के ही पास हो गया। आज सदन 57 मिनट तक चला, जिसके बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
आज उत्तराखंड विनियोग विधयेक पास किया गया। सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस की गंभीरता और राज्य की तैयारी के संबंध में जानकारी दी। बताया कि अब तक 50016 की स्क्रीनिंग में कोई कोरोना संक्रमण नही मिला है। पूरे राज्य को सील किया गया। 2082 की एयर पोर्ट पर स्क्रीनिंग की गई है। कहा कि रिस्पांस टीम लगातार काम कर रही है। लॉकडाउन के दौराान कोई भी गरीब खाद्यान्न से वंचित नहीं होगा।
सत्र में भाग लेने वाले विधायकों, अधिकारियों के लिए एडवाइजारी जारी की गई। इसमें उन्हें बताया गया है कि वे क्या करें और क्या नहीं। विधानसभा के प्रवेश द्वार पर सदस्यों, आगंतुकों, अधिकारियों-कर्मचारियों को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए गए। थर्मल स्कैनिंग के लिए मेडिकल टीम मौजूद रही। स्कैनिंग के बाद ही सदन में प्रवेश दिया गया।
मंगलवार को देर शाम हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में बुधवार को सदन में सिर्फ वित्त विनियोग विधेयक ही लेकर आना ही तय किया गया। विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक ही दिन का सत्र आयोजित किया जाए।
शून्य काल और प्रश्नकाल भी नहीं हुआ। सरकार ने भराड़ीसैंण में चार मार्च को बजट पेश किया था और बजट पर कुछ हद तक चर्चा भी हुई थी। प्रदेश सरकार इस बार करीब 53 हजार करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस बजट लेकर आई थी।
राज्यपाल और दर्शक दीर्घा पर भी प्रतिबंध
कार्यमंत्रणा समिति ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्यपाल और दर्शक दीर्घा पर भी प्रतिबंध लगाया। समिति ने यह भी तय किया था कि अधिकारियों की संख्या भी सीमित की जाए। स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी तय किया गया था। कि सदन की कार्यवाही की जानकारी मीडिया को सूचना विभाग उपलब्ध कराएगा।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री समेत सभी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष प्र्रेमचंद अग्रवाल को तीन साल का कार्यकाल पूरा करने और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी । विस अध्यक्ष ने डॉ.हृदयेश को केदारनाथधाम का प्रतीक चिह्न भेंट किया।
सभामंडप में डेढ़ मीटर के फासले पर बैठे विधायक
बुधवार को होने वाले बजट सत्र के दौरान सभा मंडप में विधायक डेढ़ मीटर के फासले पर बैठे। कोरोना वायरस से बचाव के लिए विधानसभा में सोशल डिस्टेंसिंग पर खास जोर रहा।। यही वजह है कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदस्यों को वायरस से बचाव को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की।
सरकार के मंत्री से लेकर राजनीतिक दलों के विधायक तथा प्रदेश सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों में कोरोना वायरस को लेकर भारी दहशत है। प्रदेश सरकार की कोरोना संक्रमण के संकट से बचाव के लिए लगातार स्थिति पर नजर है। ऐसे में सरकार का प्रयास था कि किसी भी तरह 2020-21 के बजट को पास करा दिया जाए, ताकि अप्रैल माह में सभी विभागों को समय पर बजट जारी हो सके।
भाजपा के उन विधायकों पर सदन में उपस्थिति को लेकर दबाव नहीं बनाया जो पर्वतीय और सीमांत जिलों से संबंधित है।
भराड़ीसैंण से शुरुआत, देहरादून में समापन
भराड़ीसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा कर बजट सत्र को ऐतिहासिक बनाने की कोशिश कोरोना संक्रमण के चलते सिमट गई। यह पहली बार होगा कि प्रदेश सरकार ने बजट सत्र की शुरूआत कहीं और की और बजट कहीं और पास कराया। बजट सत्र को लेकर इस बार शुरूआत मेें पक्ष और विपक्ष के बीच खासी तनातनी रही। विपक्ष के तीखे तेवर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर ढीला कर दिया।
विपक्ष इससे उबर पाता इससे पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण सारी स्थितियां ही बदल गई। भराड़ीसैंण की जगह देहरादून में बजट पास कराना तय किया गया और तीन दिन का यहां होने वाला सत्र भी एक दिन की कार्यवाही तक सिमट गया। विभागों के बजट पर चर्चा भी इस कारण अधर में लटक गई।
विभागों के बजट पर चर्चा के दौरान ही विभागों के मंत्रियों को कई बार खासी परेशानी का सामना भी करना पड़ता था। विपक्ष ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सत्ता पक्ष की लगभग हर बात को स्वीकार करने की दरियादिली भी दिखाई। प्रदेश सरकार के सामने मुसीबत ये भी थी कि एक अप्रैल से पहले बजट पास कराना जरूरी था। विपक्ष ने भी सरकार की इस मुश्किल को समझा।