देहरादून। उत्तराखंड भाजपा कोर कमेटी की बैठक रविवार को देहरादून में होगी। बैठक में पार्टी के दिग्गज विधानसभा चुनाव की तैयारियों को धार देंगे। बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी देहरादून पहुंच चुके हैं।
प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में दोनों शीर्ष नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पार्टी के सांसद, प्रदेश पदाधिकारी व मंत्री भाग लेंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा पिछली बैठक में लिए गए फैसलों की समीक्षा करना है। पिछली बैठक में नगर निकायों में सदस्यों के मनोनयन में पार्टी कार्यकर्ताओं को समाहित करने का फैसला हुआ था।
कोर कमेटी की बैठक से ठीक पहले शनिवार को शहरी विकास विभाग ने मनोनीत सदस्यों की सूची जारी कर दी है। कोरोना के कारण पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी, जिला कार्यकारिणी का विस्तार और मोर्चों की नई इकाइयों का गठन नहीं हो पाया। बैठक में संगठन को विस्तार की कवायद को जल्द से जल्द अंजाम देने को कहा जाएगा। जिलों में शिकायत समाधान समितियों का गठन भी लंबित हैं। प्रदेश अध्यक्ष इन फैसलों पर अमल न हो पाने की जानकारी देंगे।
बैठक में सरकार और संगठन के बीच समन्वय स्थापित करने, विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर कार्यकर्ताओं से अधिकतम संवाद स्थापित करने, उनसे जुड़ी समस्याओं को सुनने और उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर हल करने के संबंध में निर्णय हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश कृषि कानूनों पर विपक्ष के हमलों को जवाब देने, कृषि कानूनों के किसान हित से जुड़े प्रावधानों को जनता के बीच ले जाने और केंद्र-राज्य सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और कल्याणकारी फैसलों की जानकारी देने के लिए ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय भ्रमण बढ़ाने पर जोर देंगे।
इसकी शुरुआत शनिवार को मंत्रियों की बैठक से कर दी है। बैठक में राज्यमंत्री और आईएएस अफसर के विवाद के बहाने एसीआर को लेकर छिड़ी सियासी जंग का मुद्दा भी चर्चा में आ सकता है। कुल मिलाकर कोर कमेटी का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर ही रहेगा।
कोर कमेटी में आएगा फर्त्याल और महेश नेगी का मुद्दा
प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में पार्टी के दो विधायक पूरन फर्त्याल और महेश नेगी के मुद्दे पर चर्चा होने के प्रबल आसार हैं। इन दोनों विधायकों से जुड़े मुद्दों पर सियासत गर्म है। माना जा रहा अनुशासन और छवि को लेकर खुद को सख्त और संवेदनशील बताने वाली भाजपा की कोर कमेटी दोनों विधायकों के मुद्दे पर कोई निर्णय ले सकती है।
विधायक पूरन फर्त्याल को पार्टी अनुशासनहीनता का नोटिस दे चुकी है। फर्त्याल पर अपनी ही पार्टी की सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने का आरोप है। उनकी बयानबाजी को पार्टी ने अनुशासनहीनता के दायरे में माना है। हालांकि फर्त्याल पार्टी के इस आरोप से सहमत नहीं हैं। उन्होंने पार्टी को अपना जवाब दे दिया है। जवाब देने के बाद से फर्त्याल चुप हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत पहले ही खुलासा कर चुके हैं कि फर्त्याल का मामला और उनका जवाब कोर कमेटी के सामने रखा जाएगा। कोर कमेटी उनके बारे में निर्णय लेगी। माना जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहती जो उसके अनुशासन को लेकर बनी छवि के लिए नुकसानदेय है। ऐसे में फर्त्याल के मामले में कड़ा निर्णय हो, इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है। उनके मसले पर कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमले बोल रही है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष महेश नेगी से भी स्पष्टीकरण मांग चुके हैं, लेकिन उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद स्थितियां अब उतनी सहज नहीं रही हैं। पीड़िता ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी लिखित शिकायत की है। इन तमाम परिस्थितियों के आलोक में कोर कमेटी नेगी के विषय में नए ढंग से सोच विचार कर निर्णय ले सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों विधायकों के मुद्दे पर पार्टी की छवि और शुचिता कसौटी पर है। ऐसी स्थिति में कोर कमेटी नेगी के मामले में भी निर्णय ले सकती है।