देहरादून। मौसम विभाग ने इन सभी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान बढ़ने पर तेजी से बर्फ पिघलने के आसार जताए हैं, जिससे हिमस्खलन का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार अगले पांच-छह दिनों के दौरान राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से छह से आठ डिग्री तक अधिक हो सकता है।
अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में जहां अब भी बर्फ जमी है, वहां एकाएक बढ़ने वाले तापमान से लोगों की दिक्कतें बढ़ सकती है। मौसम केंद्र के अनुसार तेजी से तापमान बढ़ने पर बर्फ पिघलने की रफ्तार में तेजी आ सकती है, जिससे हिमस्खलन भी हो सकता है।
3500 मी. से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में खतरा ज्यादा
विशेषकर उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में खतरा ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में तापमान में 20 से 22 और पहाड़ी क्षेत्रों में 15 से 18 डिग्री से अधिक रह सकता है।
फ्लू बढ़ने का अनुकूल मौसम
मौसम विभाग ने सर्दी और फ्लू बढ़ने की चेतावनी भी दी है। मौसम केंद्र के अनुसार राज्य में अगले कुछ दिन सर्दी और फ्लू के फैलने के लिए अनुकूल मौसम रहेगा। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
नैनीताल में अप्रैल-मई जैसी गर्मी का अहसास
पिछले वर्षों तक नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में फरवरी के महीने में सुबह शाम ही नहीं बल्कि दोपहर में भी अच्छी खासी ठंड होती थी लेकिन इस बार चार-पांच दिन से तापमान में अचानक वृद्धि हुई है। इस कारण दोपहर में अप्रैल-मई जैसी गर्मी लगने लगी है।
मौसम के बदले रंग को देख लोग हैरान हैं। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो यह पश्चिमी विक्षोप के टलने के कारण हुआ है और अगले तीन चार दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी। फरवरी के पहले हफ्ते में नैनीताल का अधिकतम तापमान सात से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान एक से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है। इस बार आठ फरवरी के बाद से अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगातार बढ़ता गया।
11 फरवरी को अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और 13 फरवरी को 23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो आमतौर पर अप्रैल-मई में रिकार्ड होता है। ऐसे में यदि आसमान साफ है और चटक धूप खिली हुई है तो नैनीताल में सुबह नौ बजे से ही गर्मी महसूस होने लग रही है। कुछ दिन पहले तक जो लोग जैकेट, टोपी और स्वेटर में नजर आते थे वे अब दिन में कमीज पहने नजर आ रहे हैं।
नैनीताल में तापमान में अचानक हो रही वृद्धि से हैरत में हूं। ऐसा पिछले वर्षों के दौरान नहीं देखा गया। आमतौर पर फरवरी में पश्चिमी विक्षोप सक्रिय रहता था जिस कारण वातावरण में ठंड का असर देखने को मिलता था लेकिन आठ-नौ फरवरी से पश्चिमी विक्षोप टलने के कारण नोर्थ पोल (यूरोप) की ओर आने वाली ठंडी हवा नहीं पहुंच रही है। बीच-बीच में ठंडी हवा के जो झोंके आ रहे हैं वह हिमालयी क्षेत्रों से उठने वाली हवा है। अगले तीन-चारदिन तक मौसम इसी तरह रहने की उम्मीद है उसके बाद पश्चिमी विक्षोप फिर से सक्रिय हो सकता है।
– डॉ. मनीष नाजा, वरिष्ठ वायुमंडल वैज्ञानिक, आर्यभट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान (एरीज)
फरवरी के पहले पखवाड़े में नैनीताल का पारा
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
एक फरवरी 10 1
दो फरवरी 9 1
तीन फरवरी 8 2
चार फरवरी 9 3
पांच फरवरी 11 3
छह फरवरी 12 1
सात फरवरी 7 1
आठ फरवरी 14 3
नौ फरवरी 14 5
10 फरवरी 15 5
11 फरवरी 21 7
12 फरवरी 20 10
13 फरवरी 23 8
14 फरवरी 18 8
हल्द्वानी में न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस चढ़ा
मौसम का मिजाज शुक्रवार की सुबह अचानक बदल गया। सुबह घना कोहरा छाया रहा और दोपहर में चटक धूप खिली। न्यूनतम तापमान भी 3.9 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 24.5 और न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से एक और न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 20.2 और न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से सात और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 24 घंटे में उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहेगा।