देहरादून। उत्तराखंड में अब उपनल के जरिये पूर्व सैनिक और उनके स्वजन के अलावा अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार मिल सकेगा। इसके लिए शासन ने उत्तराखंड लौट रहे प्रवासी और कोरोना के कारण बेरोजगार हुए व्यक्तियों को उपनल के लिए रोजगार देने के संबंध में आदेश् जारी कर दिया है। हालांकि, यह व्यवस्था 31 मार्च 2022 तक के लिए ही रखी गई है।
प्रदेश में उपनल के जरिये केवल पूर्व सैनिक व उनके स्वजन को ही रोजगार देने की व्यवस्था है। गत वर्ष कोरोना के कारण लागू लाकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड वापस आए। सरकार ने इन्हें प्रदेश में ही रोजगार देने का निर्णय लिया। इस क्रम में पूर्ववर्ती सरकार ने इन्हें उपनल के जरिये रोजगार देने का निर्णय लिया।
यह व्यवस्था 31 मार्च 2021 तक के लिए की गई थी। इस अवधि तक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के काफी कम मामले आ रहे थे। इस बीच अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों ने अचानक से फिर रफ्तार पकड़ी है। ऐसे में प्रवासी अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री तरीथ सिंह रावत ने बेरोजगार प्रवासियों को उपनल के जरिये रोजगार दिलाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए पूर्व में की गई व्यवस्था को अब 31 मार्च 2022 तक बढा दिया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एल फैनई द्वारा आदेश जारी कर दिए हैं। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इससे बेरोजगार युवाओं को उनके अनुभव, योग्यता और कौशल के आधार पर घर के नजदीक ही रोजगार प्राप्त हो सकेगा।