उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को लेकर एसडीआरएफ ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

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ऋषिकेश। एसडीआरएफ वाहिनी जौलीग्रांट में वाहिनी का नौवां स्थापना दिवस उत्साह से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सेनानायक नवनीत सिंह भुल्लर ने वाहिनी के अधिकारी कर्मचारियों एवं उनके स्वजनों के कल्याणार्थ शनिवार को एसडीआरएफ वाहिनी जौलीग्रांट में सेंट्रल पुलिस कैंटीन का उद्धघाटन किया गया।

इस मौके पर सेनानायक नवनीत सिंह ने कहा कि वर्ष 2013 की भीषण केदारनाथ आपदा के पश्चात उत्तराखंड राज्य में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की स्थापना हुई थी। स्थापना के वर्ष से ही अपने कार्य की मूल भावना के अनुरूप एसडीआरएफ ने पर्वतीय प्रदेश की जीवनशैली को अस्त-व्यस्त कर देने वाली प्रत्येक छोटी बड़ी आपदा, भूस्खलन, सड़क दुर्घटना, जल रेस्क्यू, चारधाम यात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा, कांवड़, महाकुंभ इत्यादि में अपना विशिष्ट योगदान दिया है। वर्ष 2014 में जनपद रुद्रप्रयाग में अपने प्रथम व्यवस्थापन के टेंट से शुरू हुआ यह बल आज राज्य के प्रत्येक जनपद में कर्तव्य पथ पर तत्पर है।

सेनानायक ने कहा कि स्थापना से लेकर निरंतर यह बल अधिकाधिक सामर्थ्यवान हो रहा है, अल्प अवधि में ही इस बल ने जनता, प्रशासन एवं पुलिस विभाग में अपने समर्पण, अनुशासन व उच्चकोटि की कार्यदक्षता से अमिट छाप छोड़ी है। अपनी समस्त कठिनाइयों, संघर्षों, उपलब्धियों एवं बलिदानों से भरे सफर को मन में संजोए हुए प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी आज स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

इस अवसर पर वाहिनी में विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन भी किया गया। जिसमें वालीबाल, रस्सा कस्सी प्रतियोगिता, महिलाओं के लिए म्यूजिकल चेयर एवं मटकी फोड़ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें सभी ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया गया। इस मौके पर विजेता टीम व खिलाड़ियों को सेनानायक द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।

इस अवसर पर उप सेनानायक अजय भट्ट, सहायक सेनानायक प्रकाश देवली, अनिल शर्मा, शिविरपाल राजीव रावत, निरीक्षक प्रशिक्षण प्रमोद रावत, निरीक्षक जगदम्बा बिजल्वाण, अनिरुद्ध भंडारी, अनिता गैरोला, निरीक्षक ललिता नेगी, विनोद गौड़, गजेंद्र परवाल, सूबेदार मेजर जयपाल राणा उपनिरीक्षक विजय रयाल नीरज शर्मा आदि मौजूद दे।

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