उत्तराखंड में उद्यान विभाग के 63 राजकीय उद्यानों को निजी हाथों में सौंपेंगी सरकार, खुलेंगे रोजगार के द्वार

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2003

देहरादून। उत्तराखंड में उद्यान विभाग के 63 राजकीय उद्यानों को सरकार निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इसके लिए पहली बार राजकीय उद्यानों का ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ श्रेणी में वर्गीकरण किया गया है। ‘ए’ श्रेणी के 30 उद्यान विभागीय प्रबंधन में रहेंगे, जबकि शेष ‘बी’ और ‘सी’ श्रेणी के राजकीय उद्यान राज्य के निवासियों को निविदा के जरिये लीज पर आवंटित किए जाएंगे। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक इस संबंध में खाका तैयार हो गया है और जल्द निर्णय ले लिया जाएगा। इस पहल से राजकीय उद्यानों को हॉर्टी टूरिज्म के तौर पर विकसित करने की राह प्रशस्त होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

उद्यान विभाग के अंतर्गत प्रदेश में वर्तमान में 93 राजकीय उद्यान हैं, मगर इनकी खराब हालत किसी से छिपी नहीं है। सरकार ने अब इन उद्यानों की दशा संवारने के साथ ही इन्हें हॉर्टी टूरिज्म के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई है। हॉर्टी टूरिज्म के तहत उद्यानों में आने वाले सैलानी जहां बागवानी को करीब से देखेंगे, वहीं उनके लिए वहां ठहरने की व्यवस्था भी होगी। इसी के दृष्टिगत सरकार ने पहली मर्तबा सभी राजकीय उद्यानों का वर्गीकरण कर दिया है। इसकी तीन श्रेणियां बनाई गई हैं।

‘ए’ श्रेणी में 30 उद्यान रखे गए हैं, जो उद्यान विभाग के प्रबंधन में रहेंगे। यानी विभाग ही इन्हें बेहतर ढंग से विकसित करेगा। ‘बी’ श्रेणी में 35 और ‘सी’ श्रेणी में 28 उद्यान रखे गए हैं। ‘बी’ व ‘सी’ श्रेणी के उद्यानों को निजी क्षेत्र के जरिये विकसित किया जाएगा। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि योजना के तहत ‘बी’ श्रेणी के उद्यान शॉर्ट टर्म और ‘सी’ श्रेणी के उद्यान लॉन्ग टर्म की लीज पर राज्य के निवासियों को ही आवंटित किए जाएंगे।

इनका आवंटन निविदा के माध्यम से होगा। तीनों श्रेणियों में उद्यानों को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसमें हर्बल, एरोमैटिक, चाय समेत अन्य सेक्टरों को तवज्जो दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्यानों के विकसित होने पर इनमें हॉर्टी टूरिज्म भी शुरू किया जाएगा। इससे सूबे की आर्थिकी भी संवरेगी।

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