उत्तराखंड में एक और कोरोना पाॅजिटिव, संक्रमितों की संख्या पहुंची 58, 37 हुए ठीक

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ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में एक महिला इंट्रेंस चिकित्सक में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। छह दिन के भीतर यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पांच हो गई है। वहीं, अभी तक राज्य में कोरोना के 58 मामले आए हैं, जिनमें 37 ठीक हो चुके हैं।

एम्स ऋषिकेश में इमरजेंसी में तैनात एक महिला इंट्रेंस चिकित्सक में कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एम्स में कोविड-19 मामलों के नोडल अधिकारी डॉ मधुर उनियाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह इंट्रेंस डॉक्टर एमबीबीएस गर्ल्स हॉस्टल में रहती है। 26 वर्षीय इस इंटरेस्ट को बीते 28 अप्रैल को कोरोना से संबंधित प्रारंभिक लक्षण पाए गए। जिसके बाद हॉस्टल में ही उसे होम आइसोलेशन में भेज दिया गया था।

शुक्रवार को देर सांय उसकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस मामले में स्टेट सर्विलांस अधिकारी को सूचित कर दिया गया है।एम्स प्रशासन की टीम इस डॉक्टर के संपर्क में आने वाले सभी लोगों का पता लगाने में जुटी है। एम्स की टास्क फोर्स को इस काम में लगाया गया है। नोडल अधिकारी के मुताबिक इस इंट्रेंस की ट्रैवल हिस्ट्री के मुताबिक उसने पिछले 28 दिनों में ऋषिकेश से बाहर की यात्रा नहीं की है। वर्ष 2015 बैच की यह छात्रा इसी वर्ष पास आउट होने के बाद इंट्रेंस के रूप में अपनी सेवाएं दे रही थी। 16 अप्रैल से इनकी ड्यूटी इमरजेंसी में लगाई गई थी।

एम्स ऋषिकेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पांच पहुंच गई है। जिनमें एक नर्सिंग ऑफिसर, एक नर्स, एक तीमारदार और एक महिला में पूर्व में ही संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। नैनीताल निवासी महिला कि शुक्रवार की सुबह मौत हो गई थी।

प्रदेश में लगातार घट रही कोरोना संक्रमण की दर

अन्‍य राज्‍यों की अपेक्षा प्रदेश में कोरोना का असर कम ही है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अब तक जांच के लिए जितने सैंपल भेजे गए हैं उनमें 0.87 प्रतिशत की रिपोर्ट ही पॉ‍जि‍टिव आई है। वायरस का संक्रमण दर भी एक प्रतिशत से कम है। संक्रमण दर लगातार कम हो रही है। वहीं मरीजों की ठीक होने की रफ्तार यानी रिकवरी रेट 65 फीसद से कुछ नीचे खिसक गया है। वर्तमान में रिकवरी दर 63.79 प्रतिशत है, जबकि मरीजों के दोगुने होने की दर 28 दिन है।

226 सैंपल भेजे

प्रदेश से 185 और सैंपल जांच को भेजे गए हैं। इनमें सबसे अधिक 65 सैंपल देहरादून से भेजे गए हैं, जबकि हरिद्वार से 52, नैनीताल से 26, उधमसिंह नगर से 31, उत्‍तरकाशी से सात व चंपावत से चार सैंपल भेजे गए हैं। इसमें अलावा निजी लैब में भी 41 सैंपल की जांच अभी होनी है।

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