देहरादून। प्रदेश में स्कूलों को खोलने के बारे में सरकार पूरी सावधानी बरत रही है। नवीं से 12वीं तक बोर्ड कक्षाएं 31 अक्टूबर के बाद यानी एक नवंबर से शुरू की जा सकती हैं। अब तक स्कूलों और अभिभावकों का मिलाजुला फीडबैक मिला है। इस बारे में अंतिम फैसला 14 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।
कोरोना महामारी से आम अभिभावक के मन में डर दूर नहीं हो पा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते हुए यह डर ज्यादा है। ऐसे में अभिभावक कक्षा एक से आठवीं तक अध्ययनरत बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। अलबत्ता नवीं, दसवीं, 11वीं और 12वीं कक्षाओं में बोर्ड परीक्षाओं के दबाव को देखते हुए स्कूलों और अभिभावकों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि स्कूलों के संचालक कोविड-19 सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए सीमित छात्रसंख्या के साथ कक्षाएं संचालित करने के पक्ष में हैं। बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर ऑनलाइन पढ़ाई को नाकाफी माना जा रहा है। स्कूलों की ओर से अभिभावकों से ली गई राय भी कुछ इसीतरह बताई जा रही है।
इसके साथ ही सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की तस्वीर बेहतर नहीं है। खासतौर पर बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की दिक्कत देखते हुए स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग की गाइडलाइन के आधार पर मानक प्रचालन कार्यविधि तैयार करने पर कैबिनेट में फैसला लिया जा सकता है। चालू माह अक्टूबर के अंतिम हफ्ते या एक नवंबर से बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों के साथ कक्षाएं संचालित करने के बारे में कैबिनेट फैसला ले सकती है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि अभिभावकों समेत सभी संबंधित पक्षों की सलाह लेकर कैबिनेट उक्त संबंध में फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को वह वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से शिक्षकों के साथ संवाद में इस बारे में भी चर्चा करेंगे।