देहरादून: संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि क्षेत्रीय फिल्मों को बढ़ावा मिले इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब सब डिजिटल हो रहा है ऐसे में उत्तराखंड में ओटीटी प्लेटफार्म के लिए जल्द पालिसी बनाई जाएगी और प्रोत्साहित किया जाएगा।
सोमवार को रिंग रोड स्थित होटल पर्ल एवेन्यू में उत्तराखंड का पहला गढ़वाली कुमांऊनी ओटीटी प्लेटफार्म एप ‘अम्बे सिने’ की लांचिंग के दौरान संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम को आनलाइन करने पर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म पर राज्य सरकार की ओर से अब तक सब्सिडी का प्रावधान नहीं है।
सरकार ओटीटी प्लेटफार्म के लिए पालिसी बनाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए संस्कृति से जुड़े लोग अपने सुझाव भी सरकार को दे सकते हैं। कहा कि ढोल सागर को बढ़ावा मिले और गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो इसके लिए जल्द ही वृहद आयोजन किया जाएगा। ढोल सागर की संस्कृति को जिंदा रखने वालों को रिकार्ड बनने के बाद सम्मानित किया जाएगा।
कोरोनाकाल में टूरिज्म में जिनको नुकसान हुआ उसकी भरपाई की कोशिश की जा रही है। इस बार काफी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। विंटर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। भविष्य का विकास उत्तराखंड शैली का हो इसके लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है।
अम्बे सिने एप के संस्थापक सदस्य अनुज जोशी ने बताया कि मनोरंजन की दुनिया के साथ अपनी संस्कृति से जुड़े लोगों को एक अंब्रेला में खड़े करने का प्रयास है। इस प्लेटफार्म की मदद से अब गढ़वाली कुमाऊनी फिल्में, वेबसीरिज, शार्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री एक जगह पर देखने को मिलेगी। कई साल का सपना था कि उत्तराखंड को ओटीटी प्लेटफार्म मिले। पांच साल से इस पर कार्य किया गया। लोकभाषा को बचाने और संस्कृति को दर्शाने के लिए यह प्रयास किया गया है।
इस एप को एंड्रॉयड फोन पर गूगल प्ले स्टोर में जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। इस मौके पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, राकेश गौड़, घनानंद गगोडिया, चारू तिवारी, गीता उनियाल, हर्षपाल सिंह चौधरी, किशन महिपाल, लकगायिका, मीना राणा, रविंद्र जुगरान, गीता गैरोला, अजय बिष्ट, अभिषेक मैंदौला, मनोज, मंजू सुंद्रियाल आदि मौजूद रहे।