पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में ही एक साथ चुनाव होने हैं। बताया जा रहा है कि हरीश रावत ने नेतृत्व को पंजाब के प्रभारी के रूप में मुक्त किए जाने की इच्छा जताई है, ताकि वह अपने गृह राज्य में होने वाले चुनाव पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें।
एआईसीसी महासचिव हरीश रावत पंजाब में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के शांतिदूत के रूप में काम कर रहे हैं। उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस का सीएम फेस हो सकते हैं। उन्होंने आलाकमान से खुद को उत्तराखंड कांग्रेस का सीएम चेहरा घोषित किए जाने के लिए समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है।पार्टी नेतृत्व को शक्ति का सूक्ष्म प्रदर्शन दिखाया जाना शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम के समर्थन में कई समर्थक और विधायक चुनाव से पहले ही उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के लिए नई दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।
उत्तराखंड के आगामी चुनाव में उनके समर्थक चाहते हैं कि सेनापति हरीश रावत ही हों। साथी ही रावत के सियासी सिपाही की ख्वाहिश है कि मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की जगह उनके किसी पसंदीदा नेता के हाथ में पार्टी की कमान हो। इस बीच प्रीतम सिंह के विपक्ष के नेता बनने की चर्चा है।
बताया जा रहा है कि हरीश रावत ठाकुर समुदाय से आते हैं। उनका खेमा चाहता है कि उत्तराखंड का चीफ किसी ब्राह्मण चेहरे को बनाया जाए क्योंकि प्रीतम सिंह भी ठाकुर हैं। ऐसा करने से कांग्रेस को आगामी चुनाव में इससे फायदा मिलने की उम्मीद है।
हरीश रावत पहले भी दे चुके हैं यह इंटरव्यू
12 मार्च को इकनॉमिक्स टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में रावत ने जोर देकर कहा था कि पार्टी आलाकमान को राज्य के चुनावों से पहले उत्तराखंड कांग्रेस के चेहरे के रूप में एक विश्वसनीय स्थानीय नेता को लाना चाहिए।
उत्तराखंड में फोकस करना चाहते हैं हरीश
पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में ही एक साथ चुनाव होने हैं। बताया जा रहा है कि हरीश रावत ने नेतृत्व को पंजाब के प्रभारी के रूप में मुक्त किए जाने की इच्छा जताई है, ताकि वह अपने गृह राज्य में होने वाले चुनाव पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें।
कांग्रेस चीफ का चेहरा हो सकते हैं ये लोग
उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश का हाल ही में निधन हो गया है। वह राज्य कांग्रेस की एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा थीं। रावत खेमा पीसीसी प्रमुख प्रीतम सिंह को सीएलपी नेता बनाने पर जोर दे रहा है, यह तर्क देकर कि एक ब्राह्मण को पीसीसी प्रमुख बनाया जाना चाहिए। इस पद के लिए पूर्व पीसीसी प्रमुख किशोर उपाध्याय और गणेश गोदियाल के नाम चर्चा में हैं।
गांधी परिवार के वफादारों में शामिल हरीश रावत
रावत पिछले दो वर्षों में राज्य के वास्तविक कांग्रेस नेता के रूप में बड़े पैमाने पर राज्य का दौरा कर रहे हैं। रावत सीडब्ल्यूसी के भीतर एक कट्टर गांधी परिवार के वफादार के रूप में स्थान बना रहे है। खासकर एआईसीसी में कार्यात्मक सुधारों के लिए परिवर्तन चाहने वालों की मांग के चलते कांग्रेस में हुए तनाव के बाद वह राहुल गांधी से पार्टी प्रमुख के रूप में लौटने का आग्रह करते रहे हैं।